भारत के सूर्य मिशन‌ आदित्य एल-1 की चौथी छलांग हुई कामयाब, धरती से अब 1.21 लाख किमी दूर

देश दुनिया की खबरों से हम आपको रूबरू कराते रहते हैं। एक ऐसी खबर हम आपके सामने लाए हैं। इसरो का मिशन चंद्रयान-3 चन्द्रमा के साउथ पोल पर सफल लैंडिंग के बाद अब जानकारी भारत को भेज रहा है। जिसके बाद अब इसरो का दूसरा मिशन है सूर्य मिशन‌। चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद अब सबकी नजर इसरो के इस सूर्य मिशन पर है।

आदित्य एल-1 की चौथी छलांग

जिसके बाद अब आदित्य एल-1 की चौथी छलांग कामयाब हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पृथ्वी के चारों तरफ Aditya-L1 की चौथी बार कक्षा बदली गई है। इसे अर्थ बाउंड मैन्यूवर (EBN#4) कहा गया है। ISRO का सूर्य मिशन अभी पृथ्वी के चारों तरफ 256 km x 121973 km की अंडाकार कक्षा में घूम रहा है। इसकी ऑर्बिट बदलते समय मॉरशिस, बेंगलुरु के ISTRAC, श्रीहरिकोटा के SDSC-SHAR और पोर्ट ब्लेयर के इसरो सेंटर से निगरानी की गई।

19 सितंबर का दिन खास

रिपोर्ट्स के मुताबिक इसरो ने आदित्य एल-1 के लिए 19 सितंबर का दिन खास बताया है। अब आदित्य की अगली ऑर्बिट बदलने का काम 19 सितंबर की रात 2 बजे किया जाएगा। जिसे EBN#5 कहा जा रहा है। वो धरती के चारों तरफ उसका आखिरी ऑर्बिट मैन्यूवर होगा। धरती के चारों तरफ ऑर्बिट इसलिए बदला जा रहा है ताकि वह इतनी गति हासिल कर ले कि वह 15 लाख km की लंबी यात्रा को पूरा कर सके। इसके बाद वह सूरज की तरफ मौजूद L1 प्वाइंट यानी लैरेंज प्वाइंट की तरफ निकल जाएगा. फिर वह करीब 109 दिन की यात्रा हैलो ऑर्बिट में करेगा।

02 सितंबर को किया गया था लांच

रिपोर्ट्स के मुताबिक बताया गया है कि आदित्य एल-1 को 02 सितंबर को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था। 128 दिन की अंतरिक्ष की यात्रा पूरी करने के बाद आदित्य एल-1 पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर लैग्रेंजियन पॉइंट के हेलो ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा। आदित्य एल1 पर लगे पेलोड सूरज की रोशनी, प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र का अध्ययन करेंगे।