पिथौरागढ़ से जुड़ी खबर सामने आई है। पिथौरागढ़ की नन्ही परी मामले में कुछ दिनों पहले मुख्य अभियुक्त को सुप्रीम कोर्ट ने बरी कर दिया। जिसके बाद से लोगों में आक्रोश बना हुआ है।
लोगों में आक्रोश
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लाडली को न्याय दिलाने के लिए 14 साल बाद रविवार को एक बार फिर हजारों लोग सड़कों पर उतरे और नगर निगम स्थित रामलीला मैदान से कलक्ट्रेट तक विशाल जुलूस निकाला। दोषी कौन, नन्ही परी को न्याय दो के नारे गूंज रहे है। कमजोर पैरवी के लिए प्रदेश सरकार की विरुद्ध रोष व्याप्त है। जिसके बाद लोगों ने टकाना में धरना-प्रदर्शन और जनसभा की। साथ ही कहा कि यदि पुनर्विचार याचिका दायर कर बिटिया को न्याय नहीं दिलाया गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
शादी मे शामिल होने गयी थी बच्ची
रिपोर्ट्स के मुताबिक घटना नवंबर 2014 की थी। जब लाडली अपने परिजनों के साथ विवाह समारोह में शामिल होने शीशमहल हल्द्वानी गई थी। यहां छह साल की मासूम लाडली की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। तब पूरे कुमाऊं में जबरदस्त आक्रोश भड़का था। हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए थे। 25 नवंबर को मासूम का शव गौलापार में झाड़ियों में पड़ा मिला था। इस मामले में एसटीएफ ने मुख्य आरोपी बेतिया बिहार के रहने वाले डंपर चालक अख्तर अली को पंजाब से गिरफ्तार किया था। इसके अलावा दो अन्य आरोपियों जहानाबाद पीलीभीत निवासी प्रेमपाल वर्मा और रुद्रपुर निवासी जूनियर मसीह को गिरफ्तार किया गया था। इनमें एक को न्यायालय ने दोषमुक्त कर दिया था, दूसरे को पांच वर्ष की सजा और तीसरे मुख्य अभियुक्त को फांसी की सजा सुनाई थी। मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा था। सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य अभियुक्त को बरी कर दिया है। इस घटना से लोगों में आक्रोश बना हुआ है।