पिथौरागढ: अदालत का फैसला, वृद्धा की हत्या के मामले में दोषी को सुनाई आजीवन कारावास की सजा

पिथौरागढ़ से जुड़ी खबर सामने आई है। पिथौरागढ में सत्र न्यायाधीश शंकर राज की अदालत ने वृद्धा की हत्या के मामले में दोष सिद्ध करते हुए हत्यारे को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोषी पर 70 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।

जानें पूरा मामला

जानकारी के अनुसार गंगोलीहाट थाने में पूरन राम ने तहरीर दी कि उनकी मां राधिका देवी उम्र 65 वर्ष सिन्याड़ी गांव से 29 अगस्त 2019 की शाम को वह लापता हो गई थीं। खोजबीन के बाद 30 जुलाई को लमकटया के जंगल में उनका शव मिला था। जिसके बाद तहरीर के आधार पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 302 और 201 के तहत अज्ञात के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया। इस मामले में जांच की गयी। जांच के दौरान विजय कुमार उर्फ बिट्टू का नाम सामने आया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि वृद्धा के पास लगभग 1240 रुपये थे। आरोपी ने इन चंद रुपयों के लिए वृद्धा की हत्या करने के बाद शव खाई में फेंक दिया था।

अदालत का आदेश

यह मामला सत्र न्यायाधीश शंकर राज की अदालत में चला। दोनों पक्षों को सुनने के बाद सत्र न्यायाधीश ने दोष सिद्ध करार देते हुए विजय कुमार उर्फ बिट्टू को आईपीसी की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड नहीं देने पर पांच साल का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा। धारा 201 के तहत सात वर्ष का कठोर कारावास और 20 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया। जुर्माना नहीं देने पर एक वर्ष का कठोर कारावास भुगतना होगा। न्यायाधीश ने कहा कि यदि दोष सिद्ध अर्थदंड की धनराशि जमा करता है तो 60 हजार रुपये प्रतिकर के रूप में पूरन राम को प्रतिकर के रूप में दिया जाएगा।