हर साल 3 जुलाई को “प्लास्टिक बैग मुक़्त दिवस” मनाया जाता है। कई शहरों में प्लास्टिक बैग पर बैन है इसके बावजूद भी लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। इन्हीं सभी प्रभावों को कम करने के लिए और लोगों के इसके दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करने के लिए 3 जुलाई 2009 से संपूर्ण विश्व में ‘अंतर्राष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस’ शुरू किया गया।
पर्यावरण और मनुष्य के जीवन पर पड़ रहा है बुरा असर-
आज ‘पर्यावरण से लेकर हमारे निजी जिंदगी तक को प्लास्टिक ने बंधक बना लिया है। तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगा। प्लास्टिक का पर्यावरण पर बुरा प्रभाव तेजी से भयंकर रूप अख्तियार कर रहा है। ऐसा नहीं कि हम या हमारी संतानें यह सब नहीं जानती हैं, बावजूद इसके थोड़ी-सी सुविधा के लिए हम अपनी आनेवाली पीढ़ी की जिंदगियों में जहर घोल रहे हैं। तमाम सरकारी गैरसरकारी प्रतिबंधों के बावजूद प्लास्टिक कंपनिया प्लास्टिक निर्मित वस्तुओं का धड़ल्ले से उत्पादन कर रही हैं। इस संदर्भ में भारत के तमाम प्रदेशों के उच्च न्यायालयों ने राज्य सरकारों एवं प्रशासनिक अधिकारियों को फटकार लगाई लेकिन प्लास्टिक पूर्ण प्रतिबंध लगाने में हम अभी तक सफल नहीं हुए हैं। देश की सड़कों और गलियों में प्लास्टिक के अवशेषों का अंबार आसानी से देखा जा सकता है।
महासागरों में भी प्लास्टिकों को फेंका जा रहा है-
एक शोध के अनुसार विश्व स्तर पर, करीब 80 लाख टन प्लास्टिक प्रतिदिन देश के महासागरों तक पहुंचते हैं। आप इसे ‘प्लास्टिक प्रदूषण’ का नाम भी दे सकते हैं। ये खतरनाक प्लास्टिक सबसे गहरे महासागर की गहराई में डूबते-उतराते देखा जा सकता है। जिसका बुरा असर जलचरों पर पड़ रहा है। कहा जा रहा है कि अगर समुद्र यूं ही प्लास्टिक की वस्तुएं अपनी आगोश में लेता रहा तो 2025 तक मछलियों से कई गुना ज्यादा प्लास्टिक हम यहां से पाएंगे, जिसकी खामियाजा का अंदाजा लगाना भी मुश्किल होगा।
इस दिवस को मनाने की खास वजह-
प्लास्टिक संबंधी वस्तुओं पर हर तरह से प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद जब पाया गया कि इसका कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकल रहा है। तब इस ज्वलंत मुद्दे के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए 3 जून 2009 से अंतर्राष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस मनाने का संकल्प लिया गया। इस दिवस विशेष को मनाने का एकमात्र उद्देश्य ‘प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस’ के लाभ और नुकसान को जन-जन तक पहुंचाना है। और लोगों से गुजारिश की जा रही है कि इस मिशन में हिस्सा लेकर इसे सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। लोगों को बताया जाए कि यह ना मुश्किल है ना ही नामुमकिन। बस एक संकल्प की जरूरत है। इस दिवस विशेष का एक उद्देश्य यह भी है कि अंतरराष्ट्रीय कंपनियों पर उनके द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली प्लास्टिक को कम से कम उपयोग करने के लिए दबाव डाला जाए। मिशन में शामिल कर्मठ कार्यकर्ताओं को उम्मीद है कि यह प्लास्टिक मुक्त दिवस दुनिया भर के लाखों लोगों के जीवन को आंदोलित करेगा। इस मिशन को कामयाब बनाने के लिए कुछ सामाजिक संगठनों ने पुरस्कार अभियान भी शुरु किया है। जिसमें लोग इस प्रतियोगिता में बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं।