प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूरोप के सबसे बडे डिजिटल और स्टार्टअप आयोजन विवाटैक को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत महामारी के मध्य में भी अनुकूल और लचीला बना हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत ने इस अवधि के दौरान खनन, अंतरिक्ष, बैंकिंग, परमाणु ऊर्जा और अन्य क्षेत्रों में बड़े सुधार लागू किए हैं। विवाटैक में मुख्य भाषण में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में वह सब कुछ है जिसकी स्टार्टअप और निवेशकों को जरूरत है। उन्होंने विश्व को प्रतिभा, बाजार, पूंजी, पारिस्थितिकी और उदारता की संस्कृति के पांच स्तंभों के आधार पर भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत विश्व के सबसे बड़े स्टार्टअप क्षेत्र के रूप में उभर कर आया है। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में अनेक स्टार्टअप सामने आए। प्रधानमंत्री ने यह भी कि कहा कि देश में कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न बाधाओं के बाद अब स्वास्थ्य सुविधाओं और अर्थव्यवस्था को दुरुस्त व तैयार करने की आवश्यकता है।
नवाचार ने ही स्थिति से बाहर निकाला
पीएम मोदी ने कहा कि जहां पारम्परिक उद्यम नाकाम होते हैं वहां नवाचार से सहायता मिलती है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी ने अनेक पारम्परिक विधियों को परखने का अवसर दिया और नवाचार ने ही इस स्थिति से बाहर निकाला। उन्होंने कहा कि डिजिटल मीडिया से लोगों को संकट से निपटने, जुड़ने, आराम और छोटी जगह से भी काम करने में मदद मिली है।
आरोग्य सेतू संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों का प्रभावी ढ़ग से पता लगाने में सफल रहा
प्रधानमंत्री ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में स्वदेशी तकनीक के कारण कोविड महामारी से लड़ाई में मदद मिली है। आरोग्य सेतू संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों का प्रभावी ढ़ग से पता लगाने में सफल रहा और कोविन प्लेटफॉर्म से लाखों लोगों को कोविड वैक्सीन देने में मदद मिली। उन्होंने कहा कि भारत में दो वैक्सीन बनाई जा रही है और कई अन्य विकास या परीक्षण के चरण में हैं।
स्वयं और दीक्षा कार्यक्रम शुरू किए गए
प्रधानमंत्री ने कहा कि आधार के कारण महामारी के दौरान समय पर मदद उपलब्ध कराने, नि:शुल्क राशन और खाद्य तथा रसोई ईंधन वितरित करने में भी सहायता मिली। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की मदद के लिए अल्प समय में ही दो सार्वजनिक डिजिटल शिक्षा कार्यक्रम- स्वयं और दीक्षा शुरू किए गए। श्री मोदी ने कहा कि पिछले वर्ष कई रूकावटें आई लेकिन इन के बावजूद हताशा पैदा नहीं हुई। उन्होंने कहा कि हमें मरम्मत और तैयारी के दो सिद्धांतों पर ध्यान देना चाहिये।
अगली महामारी से बचाने की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रधानमंत्री ने धरती को अगली महामारी से बचाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सतत जीवनशैली पर ध्यान दिया जाना चाहिये जिससे पारिस्थितिक संतुलन को बिगड़ने से रोका जा सकेगा। उन्होंने इस चुनौती से निपटने के लिए स्टार्टअप कम्पनियों से सामूहिक प्रयास करने और मानव केन्द्रित दृष्टिकोण अपनाने की अपील की।
समय और सहयोग को और बढ़ाने को आवश्यकता है
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और फ्रांस विभिन्न विषयों पर मिलकर कार्य करते रहे हैं। इनमें से प्रौद्योगिकी और डिजिटल सहयोग के उभरते क्षेत्र हैं। उन्होंने कहा कि इस समय सहयोग को, और बढ़ाने की आवश्यकता है।