भारत माँ के वीर सपूतों को समर्पित कवि डॉ ललित योगी जोशी की स्वरचित कविता

हमारे सुखों के लिए जो,
रातों को जागा करते हैं।
भारत माँ के ख़ातिर जो,
प्राणों की आहुति देते हैं।।

नहीं डरते किसी से जो,
न ही कभी घबराते हैं।
जान हथेली पे रखकर के,
दुश्मन से जाकर लड़ते हैं।।

हैं कोई अजमत ऐसी जो
वतन सेवा में लग जाते हैं।
सीमाओं पर पहरा डाल जो,
अखम डंटे-खड़े रहते हैं।।

हैं बड़े ही किस्मत वाले वो,
जिन घरों में ऐसे लाल हुए।
युगों तलक उन सा न कोई,
वो नाम अमर कर जाते हैं।।

इस मिट्टी के लिए ही जो,
सर्वस्व न्यौछावर करते हैं।
ऐसे वीरों को मैं करूं नमन,
वो सदा अमर रह जाते हैं।