अल्मोड़ा के पुष्कर ने जुन्याली पुस्तक के माध्यम से किया पहाड़ का दर्द बयां, जाने

अल्मोड़ा के पुष्कर सिंह मावड़ी ने उत्तराखंड पलायन को लेकर एक किताब लिखी है । जिसमें उन्होंने पहाड़ों में होने वाले पलायन के दुःख को पुस्तक में बखूबी उतारा है । पुष्कर का कहना है कि उनके पुस्तक लिखने का मुख्य मकसद पहाड़ की पीड़ा को दिखाना है, जिससे कि सरकार भी पहाड़ के दर्द को समझ सके और युवा पहाड़ वापस लौट सकें ।

जुन्याली के माध्यम से दिखाया पहाड़ वर्ग की पीड़ा

अल्मोड़ा जिले के ग्राम लिसेड़ी तहसील भिकियासैंण निवासी पुष्कर सिंह मावड़ी की पुस्तक  का नाम ‘जुन्याली’ है। उन्होंने इस पुस्तक के माध्यम से पहाड़ो   की सड़के, स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा,रोजगार आदि समस्याओं को लोगों के सामने रखा है । पुष्कर के पुस्तक में एक छोटी बच्ची का जिक्र हुआ है । जिसमें बच्ची अपने आंखों के सामने खाली होते पहाड़  देख रही है ।औरकोरोना लॉकडाउन में रिवर्स पलायन के बाद गांव दोबारा गुलजार हो गए, लेकिन उस बच्ची के सामने ही एक बार फिर गांव खाली होते जा रहे हैं ।  उन्होंने अपने पुस्तक में दर्शाया है कि उनके गांव के बुजुर्ग द्वारा बनाए गए मकान और खेतों को त्यागना नहीं चाहते हैं लेकिन वर्तमान पीढ़ी को सुरक्षित जीवन देने के लिए युवा भी पलायन करने पर मजबूर हैं ।