राजस्थान आज अपना 73 वां स्थापना दिवस मना रहा है। क्षेत्रफल के मामले में यह भारत का सबसे बड़ा राज्य है जो पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के साथ भी अपनी सीमा साझा करता है। यह 30 मार्च, 1949 को अस्तित्व में आया।
…और इस तरह बना राजस्थान ‘राजस्थान’
दरअसल, राजस्थान संघ का गठन 25 मार्च, 1948 को हुआ था, जिसके बाद कोटा, संघ की राजधानी बना और कोटा नरेश को राजप्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया। संघ के गठन के तीन दिन बाद, उदयपुर के महाराणा ने भारत सरकार द्वारा स्वीकार किए गए राजस्थान संघ में शामिल होने का निर्णय लिया। उदयपुर के महाराणा को राजप्रमुख और कोटा नरेश के रूप में नियुक्त किया गया। इसके बाद, बीकानेर, जैसलमेर, जयपुर और जोधपुर जैसे बड़े राज्यों का विलय हो गया और 30 मार्च 1949 को राजस्थान का निर्माण हुआ, जिसका उद्घाटन सरदार वल्लभ भाई पटेल द्वारा किया गया।
इतिहास के पन्नों में ‘राजस्थान’
किले और इतिहास जुड़वा भाई के सामान होते हैं। किलों में इतिहास बनता है और इतिहास किलों की महिमा का गुणगान करता है। विश्व विख्यात किलों और आलीशान महलों से खचाकच भरे राजस्थान का इतिहास लगभग 5000 साल पुराना है। राजस्थान के इतिहास को तीन युगों- प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक में बांटा जा सकता है:
• प्राचीन काल (1200 ई. तक)
राजपूत वंश ने लगभग 700 ई. से राजस्थान में अपना प्रचार-प्रसार किया। इससे पहले राजस्थान कई गणराज्यों का एक हिस्सा था। इस क्षेत्र में वर्चस्व रखने वाले प्रमुख गणराज्यों में मौर्य, मालव, अर्जुन, यौधेय, कुषाण, शक सतप, गुप्त और हूण शामिल हैं। 1000-1200 ई. के बीच, राजस्थान में चालुक्यों, परमार और चौहानों के बीच वर्चस्व के लिए संघर्ष चला।
• मध्यकालीन (1201 से 1707)
लगभग 1200 ई. में राजस्थान का एक हिस्सा मुस्लिम शासकों के अधीन आ गया। उनकी शक्तियों के प्रमुख केंद्र नागौर और अजमेर थे। रणथंभौर भी उनके अधीन था। 13 वीं शताब्दी की शुरुआत में राजस्थान का सबसे प्रमुख और शक्तिशाली राज्य मेवाड़ था।
• आधुनिक काल (1707 से 1947)
मुगल सम्राट अकबर के आने से पहले किसी ने भी राजस्थान को राजनीतिक रूप से एकजुट नहीं किया। अकबर ने राजस्थान का एक एकीकृत प्रांत बनाया। 1707 के बाद मुगल सत्ता का पतन शुरू हुआ। ऐसा माना जाता है कि राजस्थान का राजनीतिक विघटन मुगल साम्राज्य के विघटन के कारण हुआ। मुगल साम्राज्य के पतन पर मराठों ने राजस्थान में प्रवेश किया, 1755 में उन्होंने अजमेर पर कब्जा कर लिया। 19वीं शताब्दी की शुरुआत में पिंडारियों द्वारा राजस्थान पर कब्जा किया गया।
कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियां
• राजस्थान भारत के सबसे बड़े खनिज उत्पादक राज्यों में से एक है जहां लगभग 81 प्रकार के खनिज उपलब्ध हैं और 57 खनिजों का उत्पादन राज्य में व्यावसायिक पैमाने पर किया जाता है।
• जस्ता और जिंक से बने उत्पादों का निर्यात वित्त वर्ष 2015 में 278.57 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया था। राज्य में उत्पादित सभी खनिजों का मूल्य वित्त वर्ष 2020 (फरवरी 2020 तक) के दौरान 11,716.7 करोड़ रुपये पहुंच गया था।
• राजस्थान भारत में सीमेंट ग्रेड चूना पत्थर का प्रमुख उत्पादक है। फरवरी 2020 तक राज्य में चूना पत्थर का उत्पादन 67.23 मिलियन टन तक पहुंच गया।
• यह राज्य अपने पर्यटक क्षेत्रों के लिए जाना जाता है। 2019 में, 52.22 मिलियन देशी पर्यटक और 1.60 मिलियन विदेशी पर्यटक राजस्थान आए।
• उद्योग और आंतरिक व्यापार को बढ़ावा देने वाले विभाग, डीपीआईआईटी के अनुसार, अप्रैल 2000 और सितंबर 2020 के बीच राजस्थान में एफडीआई का प्रवाह 2.15 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा।
राजस्थान से जुड़ी कुछ रोचक बातें
• रंगों का शहर
यहां के लगभग सभी बड़े शहरों का किसी न किसी खास रंग से संबंध है। जैसे जयपुर का गुलाबी रंग से जिसे हम ‘पिंक सिटी’ के रूप में भी जानते हैं, उदयपुर का सफेद या ‘व्हाइट सिटी’, जोधपुर का नीले रंग और झलावर का बैंगनी रंग से। इन जगहों पर लगभग सभी खास स्मारकों और स्थानों को इन्ही खास रंगों से रंगा गया है।
• भारत की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखला का घर
अरावली पर्वत श्रृंखला हिमालय से भी पुरानी है। इसे भारत में सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखला माना जाता है और यह राजस्थान में देखी जा सकती है।
• भारत का सबसे बड़ा रेगिस्तान
प्रसिद्ध थार रेगिस्तान भारत का सबसे बड़ा रेगिस्तान है और यह राजस्थान में स्थित है। इसके अलावा, यह रेगिस्तान दुनिया भर में 18 वां सबसे बड़ा उप-उष्णकटिबंधीय रेगिस्तान भी है।
• फिल्म शूटिंग के लिए सबसे पसंदीदा जगह
इस राज्य को विभिन्न बॉलीवुड फिल्मों में आसानी से देखा जा सकता है और यह बॉलीवुड में बहुत पसंद की जाने वाली फिल्म शूटिंग डेस्टिनेशन में से एक है। यहां पहेली, पीके, लम्हे, डोर, नन्हे जैसलमेर आदि बड़ी फिल्मों की शूटिंग हुई है।
• धार्मिक स्थलों की भरमार
राजस्थान में किले और महल ही नहीं हैं बल्कि यहां धर्मिक स्थलों की भी भरमार है। उदयपुर में करणी माता मंदिर, अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह और पुष्कर में ब्रह्मा मंदिर आदि सहित बहुत से प्रसिद्ध धार्मिक स्थल मौजूद हैं।