आज 21 सितंबर 2025 है। आज विश्व अल्जाइमर दिवस मनाया जाता है। यह दिन अल्जाइमर रोग और अन्य मनोभ्रंश (डिमेंशिया) के बारे में जागरूकता बढ़ाने व इस बीमारी से जुड़े कलंक को खत्म करने और प्रभावित लोगों व उनके परिवारों का समर्थन करने के लिए एक वैश्विक प्रयास है।
जानें कब हुई शुरूआत
अल्जाइमर रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 21 सितंबर को ‘विश्व अल्जाइमर दिवस’ मनाया जाता है। विश्व अल्जाइमर दिवसको मनाने की शुरुआत 21 सितंबर 1994 को एडिनबर्ग में हुई थी। इसके बाद से हर साल इस दिवस को मनाया जाता है। अल्जाइमर रोग इंटरनेशनल संस्था की स्थापना 21 सितंबर 1984 को हुई थी। बाद में इस संस्था की 10वीं वर्षगांठ के अवसर पर एडिनबर्ग में विश्व अल्जाइमर दिवस मनाने का प्रस्ताव दिया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को इस रोग के प्रति जागरूक करना है।
कारणों को जानना जरूरी
आज के वर्तमान समय में बदलती जीवनशैली और बदलते समय के दौर में जो बीमारी कभी 65 से 70 वर्ष की उम्र के बाद हुआ करती थी अब 40 से 50 की उम्र में भी होने लगी है। अल्जाइमर डिमेंशिया का सबसे आम प्रकार है। स्मृति हानि से यह बीमारी शुरू हो सकती है और जीवन के लिए कई समस्याओं का कारण बन सकती है। इस बीमारी के कारणों को समझना बेहद जरूरी है ताकि इसके जोखिम को कम किया जा सके और समय रहते इसकी पहचान की जा सके।
जानें इसके लक्षण
• लोगों को पहचानने में परेशानी होना।
• काम करने में परेशानी होना।
• सोचने की शक्ति कम होना।
• चीजों को सुलझा न पाना।
• भूल जाना।
• आंखों की रोशनी कमजोर होना।
• मूड स्विंग्स
• डिप्रेशन की समस्या।
• थकान महसूस होना।
• कमजोरी होना।