देश दुनिया की खबरों से हम आपको रूबरू करवाते रहते हैं। देश में बाघों की संख्या 3682 हो गई हैं। दुनिया भर के 75 फीसदी बाघ भारत में पाए जाते हैं। बीते चार सालों में देश भर में 19.42 प्रतिशत की दर से 715 बाघ बढ़े हैं। देश में सबसे ज्यादा 785 बाघ मध्यप्रदेश में हैं।
560 बाघों के साथ उत्तराखंड तीसरे स्थान पर रहा
वहीं, 563 बाघों के साथ कर्नाटक दूसरे और 560 बाघों के साथ उत्तराखंड तीसरे स्थान पर है। उत्तराखंड के साथ ही उत्तर प्रदेश और बिहार में भी बाघ तेजी से बढ़े हैं। इन तीनों राज्यों में बाघ बढ़ने की दर देश की कुल दर से भी ज्यादा है। राष्ट्रीय व्याघ्र संस्थान प्राधिकरण (एनटीसीए) की 2022 की गणना में यह जानकारी सामने आई है। इससे पहले साल 2018 में देश भर में 2967 बाघ, 2014 में 2226 बाघ, 2010 में 1706 और 2006 में 1411 बाघ थे।
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री अश्वनी चौबे ने राष्ट्रीय व्याघ्र संस्थान प्राधिकरण (एनटीसीए) की गणना-2022 की रिपोर्ट की जारी
नैनीताल के रामनगर में मौजूद कॉर्बेट पार्क में शनिवार को केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री अश्वनी चौबे ने राष्ट्रीय व्याघ्र संस्थान प्राधिकरण (एनटीसीए) की गणना-2022 जारी की। इसे पांच अलग-अलग भूभागों में विभाजित किया गया है। शिवालिक पहाड़ियां और गंगा के मैदानी भूभाग में बिहार, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश शामिल हैं। यहां बाघों की कुल संख्या 646 से बढ़कर 819 हो गई है। यहां 21.20 प्रतिशत की दर से बाघ की संख्या बढ़ी है। इसके अलावा चार भूभागों में केवल सेंट्रल इंडियन हाइलैंड्स एंड ईस्टर्न घाट भूभाग में बाघ बढ़ने की दर यहां से अधिक है। यहां 28.22 प्रतिशत की दर से बाघ बढ़े हैं। इस क्षेत्र में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्यप्रदेश, ओड़िसा और राजस्थान राज्य आते हैं। इसके अलावा वेस्टर्न घाट्स भूभाग में बाघ बढ़ने की दर 20.9 प्रतिशत रही। इस क्षेत्र में गोवा, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु राज्य शामिल हैं। नॉर्थ ईस्टर्न हिल्स एंड ब्रह्मपुत्र प्लेंस भूभाग (अरुणाचल प्रदेश, असम, मिजोरम, नागालैंड और पश्चिम बंगाल) में बाघों की संख्या में बढ़ोतरी की दर 9.76 प्रतिशत व सुंदरवन में 12.88 प्रतिशत रही है।
बीते 4 साल में तीनों राज्यों में 173 बाघ बढ़े
शिवालिक पहाड़ियां और गंगा के मैदानी क्षेत्रों में आने वाले उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तराखंड में बीते चार सालों में 173 बाघ बढ़े हैं। वहीं, सेंट्रल इंडियन हाइलैंड्स एंड ईस्टर्न घाट लैंडस्केप में 406, वेस्टर्न घाट्स लैंडस्केप में 106, नॉर्थ ईस्टर्न हिल्स एंड ब्रह्मपुत्र प्लेंस लैंडस्केप में 17 और सुंदरवन में 13 बाघ बढ़े हैं।
देश में सबसे अधिक बाघ कॉर्बेट नेशनल पार्क में है
देश के 53 टाइगर रिजर्वों में सबसे अधिक बाघ कॉर्बेट नेशनल पार्क में है। यहां बाघों की संख्या 252 से बढ़कर 260 हो गई है। दूसरे नंबर पर 150 बाघों के साथ कर्नाटक का बांदीपुर टाइगर रिजर्व और तीसरे नंबर पर 105 बाघों वाला मध्यप्रदेश का कान्हा टाइगर रिजर्व है। दुधवा 000और पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघों के संख्या में 43 फीसदी की दर से इजाफा हुआ है। दुधवा में बाघों की संख्या 153 और पीलीभीत में 71 हो गई है। जबकि, 2018 में दुधवा में 107 बाघ और पीलीभीत टाइगर रिजर्व में 65 बाघ थे।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने वन विभाग कर्मियों को दी बधाई
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के मौके पर बताया कि राज्य में चार वर्षों के दौरान बाघों की संख्या 526 से बढ़कर 785 हो गई है। देश में सबसे ज्यादा बाघ मध्य प्रदेश में हैं। शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा कि यह अत्यंत गर्व और हर्ष का विषय है। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए वन विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों और वन्यजीव प्रेमियों को भी बधाई दी हैं।
बाघ बढ़ने के साथ चुनौतियां बढ़ेंगी, सतर्क रहें- सीएम धामी
उत्तराखंड में बाघों की संख्या 560 होने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि राज्य में लगातार बाघ बढ़ रहे हैं। यह संकेत बहुत अच्छे हैं, लेकिन बाघ बढ़ने के बाद ही चुनौतियां भी बढ़ेंगी। बाघों के लिए शिकारियों का खतरा भी बना हुआ है। यह बात जिम्मेदार अधिकारी गंभीरता से लें। इसके लिए शिकारियों के संदिग्ध रास्तों पर हाईटेक तरीके से नजर बनाकर रखें।
देश में बाघों की संख्या बढ़ना सभी की मेहनत का नतीजा- चौबे
केंद्रीय राज्यमंत्री अश्वनी कुमार चौबे ने कहा देश में बाघों की बढ़ती संख्या वनाधिकारियों, विशेषज्ञों और कर्मचारियों की मेहनत का नतीजा है। उत्तराखंड भी वाkइल्ड लाइफ को लेकर काफी आगे आ गया है। इसके लिए केंद्र सरकार हर संभव मदद करने को तैयार है। जमीन पर सभी प्राणियों का संतुलन जरूरी है। मानव की जिम्मेदारी है कि वह सभी प्राणियों की देखभाल करें।
आंध्र प्रदेश में बाघों की आबादी दोगुनी हुई – वन मंत्री
आंध्र प्रदेश के वन मंत्री पी.आर. रेड्डी ने शनिवार को बताया कि राज्य में 2010 के मुकाबले बाघों की संख्या लगभग दोगुनी हो गयी है। आंध्र प्रदेश में 2010 में 45 बाघ थे, जबकि 2023 में उनकी संख्या बढ़कर 80 हो गई है। वेंकटेश्वर प्राणी उद्यान में अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के मौके पर रेड्डी ने कहा कि राज्य बाघों के लिए स्वर्ग साबित हो रहा है। प्रदेश सरकार बाघों के लिए गलियारा बनाने के उद्देश्य से शेषाचलम और नल्लामाला जंगलों को जोड़ने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि बाघों की संख्या में वृद्धि से जंगलों की संपदा लूटने वालों के मन में डर पैदा होगा।
बाघों के मामले में शीर्ष-10 राज्य
राज्य 2018 2022
मध्यप्रदेश 526 785
कर्नाटक 524 563
उत्तराखंड 442 560
महाराष्ट्र 312 444
तमिलनाडु 264 306
असम 190 227
उत्तरप्रदेश 173 205
राजस्थान 69 88
आंध्र प्रदेश 48 63
बिहार 31 54