आज 04 दिसंबर 2024 है। आज नौ सेना दिवस है। हर साल 04 दिसंबर को नौ सेना दिवस मनाया जाता है। हर साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत मई 1972 में हुए एक वरिष्ठ नौसेना अधिकारी सम्मेलन में हुई थी।
उपलब्धियों को सम्मानित करना उद्देश्य
इस दिन को मनाने का मकसद, 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारतीय नौसेना के प्रयासों को मान्यता देना और उसकी उपलब्धियों को सम्मानित करना है। 04 दिसंबर को भारतीय नौसेना का स्थापना दिवस नहीं बल्कि ऐतिहासिक दिन होने की वजह से मनाया जाता है और वो ऐतिहासिक पल है पाकिस्तान को 1971 की लड़ाई के दौरान करारी शिकस्त देने में नौसेना की बड़ी भूमिका है।
ऑपरेशन ट्राइटेन
पाकिस्तानी सेना ने 3 दिसंबर 1971 को भारतीय हवाई क्षेत्र और सीमावर्ती क्षेत्र में हमले किये। भारतीय वायुसेना पाकिस्तान को इस हमले का जवाब दे रही थी। आखिरकार ऑपरेशन ट्राइडेंट सफल हुआ और पाकिस्तान की करारी हार हुई। 1971 के इस युद्ध में भारतीय युद्ध पोतों ने पाकिस्तान के कराची नेवल हेडक्वार्टर पर अटैक कर उसे तहस-नहस कर दिया। ये एक ऐसा ऑपरेशन था जिसमें पहली बार एंटी-शिप मिसाइल का प्रयोग किया गया। इस हमले में पाकिस्तान के कई जहाज नेस्तनाबूत कर दिए गए और करीब 500 सैनिक मारे गए। इस दौरान पाकिस्तान के तेल टैंकर भी तबाह हो गए। इनमें लगी आग को उस दौरान करीब 60 किलोमीटर दूर से भी देखा जा सकता था। आग इतनी भीषण थी कि उसे सात दिनों तक नहीं बुझाया जा सका था।
ट्राइडेंट एक ऑफेंसिव वेपन होता है। ये एक मिसाइल बोर्ड है। इस ऑपरेशन को द्वितिय विश्व युद्ध के बाद सबसे सफल ऑपरेशन मे से एक माना जाता है। यही कारण है कि इस दिन को भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध में भारतीय नौसेना के जीत के जश्न में मनाया जाता है।
ऑपरेशन पायथॉन
इसके बाद भारत पाकिस्तान पर नौसैनिक हमले को तेज करते हुए भारत ने 8 दिसंबर की रात ऑपरेशन पायथॉन को अंजाम दिया। जिसमें पाक नौसेना की रही सही कमर भी तोड़ दी गई। कराची बंदरगाह पर खड़े उसके दो जहाज डुबा दिए गए। इन दोनों हमलों ने पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान के बीच पाक नौसेना का परिवहन ब्लॉक कर दिया।
जब गाजी को डुबोया
इस युद्ध में भारतीय नेवी को सिर्फ ऑपरेशन ट्राइडेंट और पॉयथन ही नहीं, बल्कि पाकिस्तानी सबमरीन गाज़ी (Ghazi) को डुबाने का श्रेय भी जाता है। सूत्र बताते हैं कि पाकिस्तानी सबमरीन गाजी असल में भारतीय नौसेना के एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत को डुबाने के इरादे से पाकिस्तान से निकली थी और इसे भारतीय नौसेना की सबमरीन INS राजपूत ने 1971 की जंग शुरू होने के पहले ही डुबा दिया था।
नौसेना के महत्वपूर्ण ऑपरेशन्स
ऑपरेशन राहत, ऑपरेशन सुकून, ऑपरेशन तलवार, ऑपरेशन, ऑपरेशन विजय शामिल हैं।
भारतीय नौसेना का इतिहास
* भारतीय नौसेना का इतिहास 1612 से शुरू होता है। जब इसे ईस्ट इंडिया कंपनी से गठन किया।
* 1686 में इसका नाम बंबई मेरिन किया गया।
* 1830 में बंबई मेरीन का नाम बदलकर हर मजेस्टीज इंडियन नेवी हो गया।
* 1840 में चीन के साथ युद्ध में इस सैन्य बल की क्षमता देखने को मिली थी।
* अगले कुछ दशकों में ताकत बढ़ने के 1892 में इसका नाम रॉयल इंडियन मरीन कर दिया गया।
* 1934 में इसका नाम बदलकर रॉयल इंडियन नेवी कर दिया गया।
* 1935 में नेवी के उल्लेखनीय कामों के लिए किंग्स कलर भेंट किया गया।
भारतीय नौसेना दुनिया के साथ मिलकर आगे बढ़ने में विश्वास रखती है। पारस्परिक सहयोग, आपसी सूझबूझ और मिलकर काम करने की भावना को बढ़ाने के लिए भारतीय नौसेना मित्र देशों की नौसेना के साथ मिलकर युद्धाभ्यास करती है। जिसमें ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, फ्रांस, इंडोनेशिया, म्यांमार, सिंगापुर, श्रीलंका, थाइलैंड, ब्रीटेन, अमेरिका, जापान और रूस के साथ युद्धाभ्यास करते हैं।
अन्य खास बातें
* भारतीय नौसेना जरूरत पड़ेने पर प्राकृतिक आपदा के समय मानवीय मदद भी करती है।
* इसके साथ ही समुद्र में अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए जरूरी आसमान में भी अपनी मारक शक्ति भी है।