बाबा रामदेव ने चुनाव में मात खाए नेताओं को दी योगाभ्यास करने की सलाह….उत्तराखंड टॉप टेन(10 मार्च)

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◆ उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के अब तक आये नतीजों से साफ हो गया है कि भाजपा पुराने मिथक को तोड़ते हुए एक बार फिर सरकार बना रही है। प्रदेश की 70 विधानसभा सीटों में से भाजपा ने सैंतालीस सीटों पर बढ़त हासिल की है ।

◆ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खटीमा से अपनी सीट हार गए हैं।
चुनाव आयोग के आधिकारिक रुझानों के अनुसार 6,579 मतों के अंतर से हार गए।

◆ रामनगर से दीवान सिंह बिष्ट, कालाढ़ुंगी से बंशीधर भगत, हल्द्वानी से सुमित हृद्येश, हरिद्वार से मदन कौशिक, कोटद्वार से ऋतु खंडुड़ी और लैंसडाउन से दिलीप रावत से चुनाव जीत गये है। पिथौरागढ़ जिले की गंगोलीहाट विधानसभा सीट पर भाजपा के फकीर राम टम्टा ने लगभग 9000 वोट से जीत दर्ज की है।

◆ थाना कपकोट पुलिस टीम ने गुमशुदा महिला को रुद्रपुर से सकुशल बरामद कर किया परिजनों के सुपुर्द।

◆ कोटद्वार सीट से चुनाव लड़ रहीं पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत की पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं को हार का सामना करना पड़ा।

◆ कुमाऊं की लालकुआं सीट से चुनाव लड़े पूर्व सीएम हरीश रावत हार गए।

◆ उत्तराखंड में भी BJP ने नया इतिहास रचा है, राज्य में पहली बार कोई पार्टी लगातार दूसरी बार सत्ता में आई है:PM मोदी।

◆ योग गुरु रामदेव ने हार रहे नेताओं को नसीहत देते हुए योग करने की सलाह दी। उन्होंने कहा, मैं तो इस चुनाव में मात खाए, मातम मना रहे नेताओं को, जिनका बीपी डाउन है, जिन्‍हें नींद नहीं आ रही है, उन्‍हें सलाह दूंगा कि थोड़ा योगाभ्‍यास करें।

◆ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद सभी मिथक टूट रहे हैं और नए इतिहास बन रहे हैं। संकल्प पत्र में हमने जो यूनिफॉर्म सिविल कोड के बारे में कहा है, उसके लिए हम उच्च स्तरीय कमेटी बनाएंगे। वह कमेटी इसके लिए एक ड्राफ्ट बनाएगी।

◆ चम्पावत विस से चुनाव जीतते ही भाजपा प्रत्याशी कैलाश गहतोड़ी ने खटीमा विस से हारे सीएम पुष्कर सिंह धामी के लिए सीट छोड़ने का ऐलान किया है। उनका कहना है कि अगर सीएम चुनाव लड़ने को राजी होते हैं तो वह इस्तीफा देने को तैयार हैं।

◆ हरीश रावत ने कहा कि मेरे लिए, परिणाम बहुत आश्चर्यजनक हैं। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि इतनी भारी महंगाई के बाद, अगर यह जनता का जनादेश होता, तो लोक कल्याण और सामाजिक न्याय की परिभाषा क्या होती? इसके बाद ‘बीजेपी जिंदाबाद’ कहने वाले लोग मुझे समझ नहीं पाते हैं।