उत्तराखंड से जुड़ी खबर सामने आई है। 13 जुलाई को देहरादून में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर मनसुख मांडविया ने उत्तराखंड की पहली सरकारी कैथ लैब का लोकार्पण किया था। पिछले एक हफ्ते में कैथ लैब में 15 मरीजों की एंजियोग्राफी और 5 मरीजों की एंजियोप्लास्टी हो चुकी है। मैदान के साथ ही पर्वतीय इलाकों के मरीज भी उत्तराखंड की पहली सरकारी कैथ लैब का लाभ उठाने पहुंच रहे हैं।
हृदय रोग से पीड़ित मरीज उपचार कराने पहुंच रहे हैं कैथ लैब
राजधानी देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय की नवनिर्मित कैथ लैब में हृदय रोग से संबंधित मरीजों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। कुछ दिन पहले दून मेडिकल कॉलेज में हृदय संबंधी रोगों के उपचार और जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा कैथ लैब की शुरुआत की गई थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैथ लैब का लोकार्पण किया था। लोकार्पण के बाद दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में हृदय रोग से पीड़ित मरीज कैथ लैब में उपचार कराने के लिए पहुंच रहे हैं।।
दून अस्पताल में संचालित की गई कैथ लैब राजकीय स्तर की पहली लैब
गौरतलब है कि दून अस्पताल में संचालित की गई कैथ लैब राजकीय स्तर की पहली लैब है। इससे पहले पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिला चिकित्सालय के प्रांगण में पीपीपी मोड पर मेडिट्रीना अस्पताल के साथ सरकार ने समझौता किया है। जहां पर कार्डियक यूनिट संचालित की जा रही है।लेकिन दून अस्पताल में संचालित की जा रही कैथ लैब पहली सरकारी लैब बन गई है, जिसका हृदय रोग से संबंधित मरीज फायदा उठा रहे हैं।
अभी तक अस्पताल में 15 एंजियोग्राफी और 5 एंजियोप्लास्टी के मरीज करा चुके हैं अपना इलाज
देहरादून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ .आशुतोष सयाना के मुताबिक कैथ लैब के लोकार्पण को अभी कुछ ही दिन हुए हैं। अभी तक अस्पताल में 15 एंजियोग्राफी और 5 एंजियोप्लास्टी के मरीज अपना इलाज करा चुके हैं। उन्होंने बताया कि इन सभी मरीजों की स्थिति सामान्य है। उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे हार्ट के मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं, उनकी उसी दिन या फिर अगले दिन तक सभी जांच की जा रही हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि अभी तक जितने भी मरीज कैथ लैब में अपना इलाज कराने पहुंच रहे हैं, वह सभी मरीज पूरी तरह से स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं।
मरीज उठा रहे कैथ लैब का लाभ
वहीं दून मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के मुताबिक दून अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में सर्जन, फिजिशियन, बाल रोग विशेषज्ञ, नेत्र चिकित्सक, ऑर्थोपेडिक सर्जन उपलब्ध हैं। इसका पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों से आए मरीज लाभ उठा रहे हैं। अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में 700 से अधिक दवाएं निशुल्क दी जा रही हैं। अस्पताल आर्थिक रूप से अक्षम लोगों की सेवाएं करने में जुटा हुआ है।