उत्तराखंड: अभिषेक कुमार का अनघा क्लीनर्स’ का कमाल, इन छिलकों से तैयार की स्वदेशी बायो एंजाइम क्लीनर, प्रकृति के लिए खास समाधान

उत्तराखंड से जुड़ी खबर सामने आई है। उत्तराखंड में क्वांटम यूनिवर्सिटी रुड़की में बीटेक के छात्र अभिषेक कुमार ने कमाल कर दिखाया है। मौसमी, कीनू, नींबू व संतरे के जिन छिलकों को लोग कचरा मानकर कूड़ेदान में फेंक देते हैं, उससे उन्होंने कमाल की चीज तैयार की है।

खास स्वदेशी क्लीनर तैयार

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अभिषेक कुमार ने इन छिलकों से स्वदेशी बायो एंजाइम क्लीनर तैयार किया है और उसे ‘अनघा क्लीनर्स’ नाम दिया है। यह ऐसा क्लीनर है, जिसने रासायनिक प्रदूषण से नुकसान झेल रही प्रकृति को एक प्रभावी समाधान दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक 21-वर्षीय उद्यमी अभिषेक ने दो वर्ष पूर्व 2023 में हरिद्वार जिले के भगवानपुर में ‘अनघा क्लीनर्स’ नाम से एक स्टार्टअप की शुरुआत की। उन्होंने वर्ष 2024 में मात्र एक लाख रुपये के शुरुआती ऋण से भगवानपुर में इसका उत्पादन शुरू किया। उन्होंने बताया कि 100 एमएल ‘अनघा क्लीनर्स’ मात्र 50 रुपये में उपलब्ध है, जिससे तीन लीटर फ्लोर क्लीनर तैयार किया जा सकता है। उनके इस स्टार्टअप की सराहना उत्तराखंड सरकार और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की दोनों ने की है। आइआइटी रुड़की ने उन्हें पांच लाख रुपये और उत्तराखंड सरकार ने एक लाख रुपये की अनुदान राशि प्रदान की। इससे उन्हें उत्पादन को और बेहतर बनाने व लोगों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।

इतने लोगों को दिया रोजगार

रिपोर्ट्स के मुताबिक अभिषेक कुमार मूलरूप से राजेंद्र नगर, पटना (बिहार) निवासी हैं। वह वर्ष 2022 में उत्तराखंड के रुड़की आए। अभिषेक के ‘अनघा क्लीनर्स’ को स्टार्टअप उत्तराखंड ग्रैंड चैलेंज में विजेता स्थान प्राप्त हुआ। अभिषेक ने बताया है कि अब तक ‘अनघा क्लीनर्स’ ने 1,000 से अधिक परिवारों को अपने उत्पादों से जोड़ा है। पांच लोगों को रोजगार दिया है। कंपनी ने दो वर्ष के अंतराल में 10 टन फल अपशिष्ट को पुनर्चक्रित कर बायोएंजाइम क्लीनर में परिवर्तित किया है, जिससे जैविक कचरे में कमी आई है।