उत्तराखंड:  पर्यावरण दिवस पर राज्य में लगभग 15 हेक्टेयर जंगल को पहुंचा नुकसान

कुछ शरारती और उपद्रवी तत्वों के वजह से प्रकृति को खामियाजा भुगतना पड़ता है । और घूम फिर कर प्रकृति इसका बदला जरूर लेती है । हम बात कर रहें है राज्य में जलते हुए जंगलों की । जानें अनजाने में या जान बुझकर जंगलों में लग रही आग से न जानें कितने पेड़ पौधों व जानवरों की बलि चड़ गई होगी  । पर्यावरण दिवस के अवसर पर ही राज्य में लगभग 15 हेक्टेयर जंगल को नुकसान पहुंचा है ।

15 फरवरी से 15 जून तक का समय प्रकृति के लिहाज से थोड़ा सवेंदनशील

15 फरवरी से 15 जून तक का समय प्रकृति के लिहाज से थोड़ा सवेंदनशील मना जाता है । बढ़ते पारे की वजह से जंगलों को काफी नुक़सान पहुंचता है । और इन चार महीनों में जंगलों में आग की वजह से  नमी खत्म हो जाती है । जिससे आग विकराल रूप धारण कर लेती है ।

आग लगने की अभी तक दो हजार से ज्यादा घटनाएं

बता दें कि उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की अभी तक दो हजार से ज्यादा घटनाएं सामने आ चुकी है। जिनकी चपेट में आकर 3232 हेक्टेयर जंगल जल चुका है। इन महीनों में सबसे अधिक नुकसान अप्रैल के महीने में हुआ है । मात्र अप्रैल महीने में 2700 हेक्टेयर जंगल आग की चपेट में आया था।