उत्तराखंड: दहेज का सामान नहीं लौटाने पर दंपति व पुत्र को एक साल की सजा

अपर मुख्य न्यायायिक मजिस्ट्रेट पायल सिंह की अदालत ने दहेज का सामान न लौटाने के दोषी दंपति व पुत्र को एक-एक साल की कठोर कारावास व पांच-पांच हजार का अर्थदंड की सजा सुनाई है।

विवाह में 24 लाख की नकदी, गाड़ी, 20 तौला सोना, 25 तौला चांदी के आभूषण समेत अन्य घरेलू सामान दिए थे

काशीपुर प्रगति विहार बाजपुर रोड निवासी इतिशा चौधरी ने न्यायालय में परिवाद दायर कर कहा कि 1 मई 2014 को उसका विवाह चामुंडा विहार निवासी मयंक चौधरी के साथ हुआ है। विवाह में 24 लाख की नकदी, गाड़ी, 20 तौला सोना, 25 तौला चांदी के आभूषण समेत अन्य घरेलू सामान दिए थे। विवाह के दूसरे दिन पति मयंक, ससुर सत्यवीर सिंह चौधरी, सास रेखा देवी दहेज में पांच लाख रूपये की मांग करने लगे। उसके अस्पताल में रहने पर आरोपियों ने ताला तोड़कर जेवर आदि अपने कब्जे में ले लिए। 4 अक्तूबर 2015 को आरोपियों ने उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया।

आरोपियों से दहेज में दिए गए आभूषण व अन्य सामान की मांग की

इतिशा ने आरोपियों से दहेज में दिए गए आभूषण व अन्य सामान की मांग की, लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया। कानूनी नोटिस देने के बाद भी आरोपियों ने नोटिस प्राप्त नहीं किया। न्यायालय ने आरोपियों को न्यायालय में तलब किया। सुनवाई के दौरान कई गवाह न्यायालय में पेश किए गए।

एक-एक साल का कठोर कारावास की सजा

न्यायालय ने गवाह के बयान, पत्रावली व उपलब्ध साक्ष्य के साथ ही वादिनी के अधिवक्ता आनंद स्वरूप रस्तौगी की बहस को सुनने के बाद आरोपियों को धारा 406 को दोषी माना। न्यायालय ने आरोपियों को एक-एक साल का कठोर कारावास की सजा सुनाई।