उत्तराखंड: शिक्षा मंत्री ने स्कूलों में मानसून अवकाश लागू करने की घोषणा की, जल्द कैबिनेट में लाया जाएगा प्रस्ताव

उत्तराखंड से जुड़ी खबर सामने आई है। राज्य के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के छात्रों को बरसात के मौसम में स्कूल आने-जाने वाले मुश्किलों से राहत मिलने जा रही है। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने शुक्रवार को राज्य में स्कूलों में मानसून अवकाश लागू करने की घोषणा की।

पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश के दिनों में भूस्खलन, गाढ़ गधेरों के उफनाने से खतरा कई गुना बढ़ जाता है

सीएम पुष्कर सिंह धामी के साथ विचार विमर्श करने के बाद इस पर सहमति बनी है। सर्वे चौक के निकट आईटीडीए सभागार में आयोजित मेधावी सम्मान समारोह के दौरान शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस प्रस्ताव पर सभी लोगों की राय ली जाएगी। इसके बाद इसे विधिवत रूप से कैबिनेट में लाया जाएगा। राज्य के आपदा के प्रति संवेदनशील पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश के दिनों में भूस्खलन, गाढ़ गधेरों के उफनाने से खतरा कई गुना बढ़ जाता है। पड़ोसी राज्य राज्य हिमाचल प्रदेश पहले ही पर्वतीय क्षेत्रों में 22 जून से 29 जुलाई तक का मानसून ब्रेक लागू कर चुका है।

बारिश के दिनों में स्कूल आनेजाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है

शिक्षा मंत्री ने कहा कि बीते रोज सीएम आवास में आयोजित मेधावी सम्मान समारोह के दौरान भी कुछ छात्र-छात्राओं ने अपनी समस्या को रखा था। छात्रों का कहना था कि बारिश के दिनों में उन्हें स्कूल आनेजाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सीएम धामी ने भी उन्हें हिमाचल की तर्ज पर मानसून अवकाश पर विचार करने के निर्देश दिए थे।

अभिभावक और शिक्षकों से राय लेकर तथा अंतिम रूप देकर कैबिनेट में लाया जाएगा प्रस्ताव

शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार को सर्वोच्च लक्ष्य प्रत्येक बच्चे को शिक्षा मुहैया कराना है। साथ ही प्रत्येक बच्चे को सुरक्षित माहौल देना भी सरकार की जिम्मेदारी है। विचार किया जा रहा है कि गर्मियों के अवकाश के कुछ दिन कम कर मानसून के दौरान दस से पंद्रह दिन का अवकाश लागू किया जाए। इसके लिए अभिभावक और शिक्षकों से राय लेकर प्रस्ताव को अंतिम रूप देकर कैबिनेट में लाया जाएगा।

मानसून अवकाश पर मौजूद छात्र-अभिभावकों ने जताई सहमति

मानसून अवकाश पर चर्चा करते हुए शिक्षा मंत्री ने समारोह स्थल पर मौजूद छात्र और अभिभावकों से अपनी राय देने को कहा। कहा कि यदि आप समर्थन करते हैं तो हाथ खड़े कीजिए। सभी ने समर्थन में हाथ खड़े करते हुए कहा कि यह निर्णय उचित रहेगा।