उत्तराखंड: मशहूर यू-ट्यूबर की मौत के मामले में पिता ने लगाए ये आरोप,  किस पर है परिजनों को शक?

मशहूर यू-ट्यूबर अगस्त्य चौहान की मौत के मामले में नया मोड़ सामने आया है। खबर है कि अगस्त्य के घर वालों ने इसे हादसा नहीं बल्कि हत्या का अंदेशा जताया है। जिसके बाद पुलिस भी मामले की जांच में जुट गई है।

जानें पूरा मामला

बता दें कि अगस्त्य चौहान पुत्र जितेंद्र सिंह चौहान बुधवार सुबह वह अपनी 15 लाख रुपये की कीमती स्पोर्टस बाइक से सफर करते हुए टप्पल क्षेत्र में यमुना एक्सप्रेस वे के माइल-47 के पास पहुंचा था, जहां उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। इस सूचना पर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और पहचान के साथ परिवार को सूचना दी। पुलिस ने जांच में सीसीटीवी की मदद से पाया कि अगस्त्य की बाइक की रफ्तार 300 किमी प्रति घंटा थी। शुरुआत में पुलिस ने माना कि बाइक अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकराई और करीब 700 मीटर तक हाईवे पर घिसटती हुई चली गई, जिससे उसकी मौत हो गई। इधर, बृहस्पतिवार को मृतक के  पिता अन्य परिजनों के साथ आए और पोस्टमार्टम के बाद शव साथ ले गए। इस दौरान वे टप्पल भी गए और घटनास्थल देखा। साथ में अन्य साथियों के विषय में जानकारी ली। उन्होंने इस सबके बाद पुलिस के सामने बेटे की हत्या का अंदेशा जताया और कहा कि यह हादसा नहीं, बल्कि बाइक राइडिंग की प्रतिद्वंद्विता में हत्या है।

पिता ने लगाए ये आरोप

पिता ने पुलिस के सामने सवाल खड़े करते हुए आरोप लगाए, उनके अनुसार दिल्ली से उनका बेटा अपने चार अन्य बाइक राइडर साथियों के साथ चला था। इनके बीच 300 कि०मी० से ऊपर की कोई प्रतियोगिता तय हुई थी। इनकी बाइकों व हेलमेट पर एक दूसरे के वीडियो बनाने संबंधी 360 डिग्री के कैमरे भी सेट थे। वे कैमरें गायब हैं। इनमें से तीन तो जेवर टोल से यू-टर्न लेकर वापस चले गए, जबकि अगस्त्य व एक अन्य दुर्घटनास्थल तक आए और आसपास ही दूसरा भी वहां से यू-टर्न लेकर वापस चला गया। उन्होंने फिर अगस्त्य के विषय में कुछ जानने का प्रयास नहीं किया। उन्होंने कहा यह दूसरे का रिकॉर्ड तोड़ने संबंधी प्रतिद्वंद्विता में हत्या है। 300 की रफ्तार से बाइक दौड़ रही थी तो सिर्फ सिर में चोट आई और बाइक में मामूली टूट फूट हुई है। इस रफ्तार में शरीर के अन्य अंग घायल होते, बाइक भी टूट जाती। बेटे के साथ चल रहे राइडर ने अगस्त्य के परिवार से तीन घंटे बाद संपर्क किया। उसने खुद की लोकेशन बताई। परिवार मिलने गया तो वह नहीं मिला। बार-बार लोकेशन बदलने लगा। बाकी चारों अभी तक सामने क्यों नहीं आए?

पुलिस ने मांगी तहरीर

सवालों के बाद स्वयं एसपी देहात ने सीओ खैर के साथ मौके पर पहुंचकर देर रात तक जांच की तो कुछ सवाल ऐसे हैं, जिन पर पुलिस को भी संदेह है। पुलिस ने सीसीटीवी, फॉरेंसिक जांच, अन्य चारों राइडरों से पूछताछ के लिए परिवार से तहरीर मांगी है।