उत्तराखंड से जुड़ी खबर सामने आई है। प्रदेश में इस बार कॉमन धान की कीमत 2183 रुपए प्रति क्विंटल और ए ग्रेड धान के लिए 2203 रुपए प्रति क्विंटल रेट तय किया गया। यह धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य है। जो पिछले साल के मुकाबले 143 रुपए ज्यादा है। इसके अलावा मंडुवा के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी किया गया है। इसके अलावा उत्तराखंड में 8.30 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
उत्तराखंड में 8.30 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद का रखा है लक्ष्य
उत्तराखंड में खरीफ फसल की खरीद के लिए 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक का समय तय किया है। खरीफ फसल खरीद सत्र 2023-24 के लिए खाद्य विभाग ने 8.30 लाख मीट्रिक टन धान का लक्ष्य रखा है। खरीफ फसल की खरीद के लिए उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ लिमिटेड, एनसीसीएफ, यूपीसीयू, यूसीसीएफ और कच्चा आढतियों को खरीद संस्था नामित किया है। इसके अलावा धान और मंडुवा का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी तय किया गया है।
भारत सरकार ने धान की खरीद के लिए एमएसपी की निर्धारित
दरअसल, खरीफ फसल खरीद सत्र 2023-24 की तैयारियों को लेकर खाद्य मंत्री रेखा आर्य ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक के दौरान खाद्य मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि भारत सरकार ने धान की खरीद के लिए एमएसपी निर्धारित की है। जिसके तहत कॉमन धान के लिए 2183 रुपए प्रति क्विंटल और ए ग्रेड धान के लिए 2203 रुपए प्रति क्विंटल रेट तय किया गया है। जो कि पिछले साल से करीब 143 रुपए ज्यादा है। साथ ही कहा कि जिन संस्थाओं को खरीद के लिए नामित किया गया है, उनके प्रदेश में करीब 875 खरीद केंद्र संचालित किए जाएंगे। जो पिछले सत्र से करीब 17 खरीद केंद्र ज्यादा हैं।
इतना रहेगा मंडुआ का न्यूनतम समर्थन मूल्य
खरीफ फसल खरीद सत्र 2023-24 के तहत मंडुवा के भी खरीद की जाएगी। भारत सरकार ने राज्य के लिए 0.100 लाख मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मंडुवा के लिए भारत सरकार की ओर से न्यूनतम समर्थन मूल्य 3846 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है, जो पिछले साल की तुलना में 268 रुपए ज्यादा है। हालांकि, प्रदेश में मंडुवा की खरीद उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ लिमिटेड की ओर से पर्वतीय जिलों में संचालित खरीद केंद्रों के माध्यम से की जाएगी।
किसानों को 72 घंटे में भुगतान करने के दिए निर्देश
वहीं, बैठक के दौरान रेखा आर्य ने कहा कि खरीद के लिए नामित संस्थाओं को निर्देश दिए गए हैं कि वो 25 सितंबर तक सभी औपचारिकताएं अनिवार्य रूप से पूरा कर लें। साथ ही इन केंद्रों का विधिवत रूप से संचालित किया जाए। ताकि, किसानों को फसल बेचने में दिक्कतें न हों। इसके अलावा किसानों को 72 घंटे में भुगतान करने को भी कहा गया है। वहीं, रेखा आर्य ने इस बात पर भी जोर दिया कि सभी किसानों का पंजीकरण और भूलेख से सत्यापन के बाद ही धान की खरीद किया जाए।