उत्तराखंड से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है । एनएसयूआई के चार पदाधिकारियों को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है । अनुशासनहीनता के चलते यह कार्यवाही की गई है ।
जानें पूरा मामला
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, उत्तराखंड भर्ती घोटालों की सीबीआई जांच की मांग और बेरोजगार युवाओं पर लाठीचार्ज के विरोध में एनएसयूआई की ओर से 13 फरवरी को सचिवालय घेराव किया गया था।जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन भी मौजूद थे। इस दौरान एनएसयूआई देहरादून के जिलाध्यक्ष सौरव ममंगाई, संदीप नेगी, जिलाध्यक्ष चमोली आदित्य बिष्ट और अंकित बिष्ट ने अपने साथियों के साथ कांग्रेस भवन पहुंचकर कार्यक्रम में बाधा उत्पन्न की और पार्टी विरोधी नारे लगाए। राष्ट्रीय नेतृत्व ने इसका संज्ञान लेते हुए इसे अनुशासनहीनता माना है। इसलिए सभी पदाधिकारियों को छह साल के लिए निष्कासित किए जाने का निर्णय लिया गया है। बता दें, कि कार्यक्रम के दौरान एनएसयूआई के दो गुटों में भिड़ंत हो गई थी। दोनों तरफ से एक-दूसरे पर जमकर लात- घूसे चले थे और काफी देर तक हंगामा चलने के बाद सूचना पर पहुंची पुलिस ने मामला शांत कराया था। इस घटना से पार्टी को काफी किरकिरी का सामना भी करना पड़ा था ।