उत्तराखंड:आईआईटी रुड़की ने बायो इनक्यूबेटर किया लॉन्च

उत्तराखंड का एकमात्र आईआईटी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की, रुड़की परिसर में अपना बायो इनक्यूबेटर लॉन्च किया। जिससे स्टार्ट-अप इनक्यूबेटेड को अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं और उपकरणों के साथ काम करने और उनके शोध करने के लिए सुनिश्चित किया जा सके।

बायो-इनक्यूबेटर क्यों है जरूरी

बायो-इनक्यूबेटर का उद्देश्य व्यावसायीकरण के लिए जीवन विज्ञान, स्वास्थ्य देखभाल और जैव प्रौद्योगिकी आधारित नवाचारों को प्रोत्साहित करना, इनक्यूबेट करना और तेज करना है और साथ ही शोधकर्ताओं और उद्यमियों को उनके शोध कार्यों को एक व्यवहार्य वाणिज्यिक उत्पाद में बदलने के लिए आवश्यक संसाधन प्रदान करके समर्थन करना है।

जीवन विज्ञान क्षेत्र में स्टार्ट-अप बनाने की सोच रहे छात्रों के लिए इस सुविधा के लाभ पर जोर देते हुए आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. अजीत के चतुर्वेदी ने कहाकि स्वास्थ्य सेवा और जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में विकास हमारे देश की प्रगति के लिए अनिवार्य है। यह बायो-इनक्यूबेटर युवा उद्यमियों को व्यवहार्य उत्पादों का अन्वेषण और विकास करने में सक्षम बनाएगा, उनके स्टार्ट-अप को पंख देगा और इस तरह भारत के विकास को भी बढ़ावा देगा। भारत सरकार द्वारा बायो-नेस्ट योजना के तहत 3 साल की अवधि में 3.92 करोड़ का फंड दिया गया है।

लगभग 2 करोड़ रुपये खर्च किए

विश्व स्तर के उपकरण प्राप्त करने और प्रयोगशालाओं के विकास के लिए बायो-इनक्यूबेटर ने लगभग 2 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। बायो-इनक्यूबेटर ने उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए एक स्वस्थ वातावरण बनाने के लिए राशि के आवंटन को और अधिक खर्च करने की योजना बनाई है।

स्वास्थ्य और जीवन विज्ञान स्टार्ट-अप के महत्व पर प्रकाश डालते हुए आईआईटी रुड़की के सीईओ आजम अली खान ने कहा कि वर्तमान दशक को हेल्थकेयर और लाइफ साइंस स्टार्ट-अप के दशक के रूप में पहचाना जाता है।