उत्तराखंड से जुड़ी खबर सामने आई है। उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में तेज हॉर्न और मॉडिफाइड साइलेंसर वाले वाहनो से ध्वनि प्रदूषण होता है।
होगी सख्त कार्रवाई
ऐसे में अब ऐसा करना चालकों को भारी पड़ेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ में परिवहन विभाग ने इस समस्या से निपटने के लिए सख्त कदम उठाया है। इसके लिए उच्च गुणवत्ता वाले साउंड लेवल मीटर (एसएलएम) और डेसीबल मीटर जैसे आधुनिक उपकरणों का उपयोग शुरू किया जा रहा है। इसकी मदद से वाहनों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण की सटीक जांच की जाएगी और मानकों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
उपलब्ध कराएं यह साउंड लेवल मीटर और डेसीबल मीटर
इस समस्या से निपटने के लिए परिवहन विभाग ने अल्मोड़ा, रानीखेत, और पिथौरागढ़ में साउंड लेवल मीटर और डेसीबल मीटर उपलब्ध कराए हैं, जो ध्वनि प्रदूषण को मापने में सक्षम हैं।