उत्तराखण्ड में नमामि गंगा परियोजना के तहत् गंगा नदी जल प्रदूषण नियंत्रण एवं गंगा तटों पर जनसुविधा विकसित किये जाने हेतु राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार की 43वीं कार्यकारी समिति की बैठक में 3 परियोजनाओं को सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान की गयी है।
गौरीकुंड व तिलवाड़ा सीवरेज परियोजना के लिए 23.37 करोड़ की योजना स्वीकृत
बुधवार को राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक अशोक कुमार की अध्यक्षता में बैठक संपन्न हुई । इसमें उत्तराखंड से अपर सचिव पेयजल उदयराज सिंह भी शामिल हुए। बैठक में रुद्रप्रयाग में केदारनाथ यात्रा के आरंभ स्थल गौरीकुंड व तिलवाड़ा सीवरेज परियोजना के लिए 23.37 करोड़ की योजना स्वीकृत हुई है। इस योजना से नदियों में प्रदूषित जल प्रवाह को रोकने में यह परियोजना कारगर साबित होगी।बैठक में दैवीय आपदा वर्ष 2021 में क्षतिग्रस्त हुए देवप्रयाग सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, कर्णप्रयाग एसटीपी और गोपेश्वर एसटीपी की मरम्मत के लिए 87.37 लाख और चंद्रेश्वर नगर, ऋषिकेश में नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत निर्मित 7.5 एमएलडी एसटीपी से उत्पन्न ध्वनी स्तर को कम करने के लिए ध्वनिक रोधन लगाने के लिए 82.74 लाख की परियोजना भी स्वीकृत की गई है ।
आभार व्यक्त किया
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लगभग ₹25 करोड़ की लागत की इन परियोजनाओं को सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान करने हेतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत का आभार व्यक्त किया है।