उत्तराखंड: देहरादून साइंस सिटी निर्माण के टेंडर में गड़बड़ी, हाईकोर्ट ने सरकार पर लगाया 50 हजार का जुर्माना

उत्तराखंड से जुड़ी खबर सामने आई है। देहरादून के झाझरा में देश की 5वीं साइंस सिटी बनाई जा रही है। जिसकी लागत करीब 172 करोड़ रुपए है, लेकिन इसके निर्माण के टेंडर आवंटन में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। जिस पर कोर्ट ने सरकार पर 50 हजार का जुर्माना लगाया है।

जुर्माने की धनराशि याचिकाकर्ता को देने का दिया आदेश

देहरादून के झाझरा साइंस सिटी में टेंडर आवंटन में गड़बड़ी के खिलाफ दायर याचिका की नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। मामले में हाईकोर्ट ने सरकार पर 50 हजार का जुर्माना लगाया है। साथ ही जुर्माने की धनराशि याचिकाकर्ता को देने का आदेश दिया है। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में हुई।

लोनिवि ने साइंस सिटी झाझरा में निर्माण कार्य को लेकर निकाला था टेंडर

दरअसल, बीती 22 जून को लोक निर्माण विभाग ने साइंस सिटी झाझरा में निर्माण कार्य को लेकर टेंडर निकाला था। जिसमें बाउंड्री वॉल समेत अन्य कार्य किए जाने थे। आरोप है कि निर्माण कार्य का टेंडर देव कंस्ट्रक्शन को दे दिया गया। जिसको मुकेश तोमर ने नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती दे दी।

टेंडर गलत तरीके से किया गया आवंटित

याचिकाकर्ता का कहना था कि टेंडर गलत तरीके से आवंटित किया गया है। उन्होंने टेंडर को निरस्त करने की अपील की। साथ उन्हें टेंडर देने की मांग की। याचिका में कहा गया था कि देव कंस्ट्रक्शन अर्हता पूर्ण नहीं थी। जबकि, उनका टेंडर सभी शर्तें पूरी करता है।मामले में सुनवाई हुई। जिसके बाद कोर्ट ने सरकार पर जुर्माना लगाया है।

172 करोड़ की लागत से देहरादून में पांचवीं साइंस सिटी बनेगी

नैनीताल हाईकोर्ट ने अपनी सुनवाई में कहा कि सरकार पर जो जुर्माना लगाया है। उस राशि को याचिकाकर्ता को दें। गौर हो कि देहरादून के झाझरा में देश की 5वीं साइंस सिटी बनने जा रही है। करीब 172 करोड़ की लागत से देहरादून में पांचवीं साइंस सिटी बनाई जानी है।

उत्तराखंड का देहरादून देश का पांचवा साइंस सिटी होगा

देश में अभी तक 4 साइंस सिटी बनाई गई है। जिसमें पहली पश्चिम बंगाल (कोलकाता), दूसरी असम (गुवाहाटी), तीसरी गुजरात (अहमदाबाद) और चौथी पंजाब (कपूरथला) में है। जबकि, उत्तराखंड का देहरादून पांचवा साइंस सिटी होगा। इस साइंस सिटी में विज्ञान के तमाम मॉडल के माध्यम से पर्यावरणीय और भौगोलिक घटनाओं को बताया जाएगा।