उत्तराखंड: 100 पुलिसकर्मियों ने पेश की मिसाल, शहर‌ की बजाय दुर्गम क्षेत्र में सेवा देने का लिया फैसला

उत्तराखंड से जुड़ी खबर सामने आई है। यहां चंपावत में उत्तराखंड के 100 पुलिसकर्मियों ने सेवाभाव की बड़ी मिसाल पेश की है।

100 पुलिसकर्मियों को सलाम-

जिसमें यह बात सामने आ रही है कि कुमाऊं के सुदूरवर्ती इलाकों में पोस्टेड इन पुलिसकर्मियों ने शहरों की सुविधाओं को ठुकराकर दुर्गम में सेवा जारी रखने की बात कही है। दरअसल 7 जून को डीआईजी डॉ. नीलेश आनंद भरणे ने कुमाऊं के 546 पुलिसकर्मियों की तबादला लिस्ट जारी की थी। जिसमें सुगम में 8 साल सेवा दे चुके इंस्पेक्टर और दरोगा तथा 16 साल सेवा कर चुके सिपाहियों को दुर्गम में भेजने की बात लिखी थी। इसी तरह दुर्गम में चार साल सेवा करने वाले इंस्पेक्टर और 8 साल सेवा दे चुके सिपाहियों को सुगम में भेजा जाना था, लेकिन दुर्गम इलाकों में सालों से नौकरी कर रहे कई दरोगा, इंस्पेक्टर और सिपाहियों ने सुगम में आने से मना कर मिसाल पेश की है।

अल्मोड़ा जिला भी शामिल-

इसमें अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और चंपावत जिलों में तैनात 100 पुलिसकर्मियों ने डीआईजी को मैसेज भेजकर दुर्गम में ही नौकरी करने का अनुरोध किया था, जिस पर इन पुलिसकर्मियों को दुर्गम में ही सेवा का अवसर दिया गया है।