उत्तराखंड से जुड़ी खबर सामने आई है। यहां रुद्रप्रयाग में सुरम्य मखमली बुग्यालों में 6 महीने प्रवास करने वाले भेड़ पालकों का लाई मेला बड़े धूमधाम के साथ मनाया गया।
लाई मेला-
इससे पहले लाई मेला प्रतिवर्ष भाद्रपद की पांच गते को मनाए जाने की परंपरा थी। मगर वर्तमान समय में भेड़ पालकों की ओर से सुविधा अनुसार अलग-अलग तिथियों पर लाई मेला मनाया जाता है। कहा जाता है कि यह लाई मेला नीचे इलाकों में मनाया जाता है तथा लाई मेले के बाद भेड़ पालक फिर ऊंचाई वाले इलाकों की ओर चले जाते हैं। 6 माह सुरम्य मखमली बुग्यालों में प्रवास करने वाले भेड़ पालकों के दाती एवं लाई त्योहार मनाने की परंपरा युगों युगों की है।