उत्तराखंड: जोशीमठ के अस्तित्व पर मंडराया खतरा, दहशत में लोग, वैज्ञानिकों ने कहीं यह बात

उत्तराखंड से जुड़ी खबर सामने आई है। उत्तराखंड में स्थित चार धामों में प्रमुख धाम बदरीनाथ का प्रवेश द्वार जोशीमठ कहलाता है।

खतरें में जोशीमठ

जिसको लेकर खबर सामने आई है। यहां 500 घरों, होटलों में दरारें पड़ गई हैं, जो इस बात का सबूत हैं कि जोशीमठ बहुत बड़े खतरे में है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घरों में आई दरारों से जोशीमठ के लोग सहमे हुए हैं। लोगों का मानना है और वैज्ञानिक भी ये कह चुके हैं कि जलविद्युत परियोजना के चलते जोशीमठ में भूधंसाव की मुश्किल बढ़ी है। जोशीमठ के घरों में पड़ी बड़ी-बड़ी दरारें अब और ज्यादा गहरी हो गईं। वैज्ञानिक विशेषज्ञों की 2022 में आई रिपोर्ट में भी ये माना गया कि जोशीमठ भी जिस पहाड़ी पर बसा है, वो धंस रही है। जो एक बहुत बड़ा चिंता का विषय है। भू-धंसाव से जोशीमठ के लोग भयभीत हैं, ये लोग 24 दिसंबर को पुनर्वास की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे थे। वहीं जोशीमठ की जनता राज्य सरकार को आंदोलन की चेतावनी दे रही है।

मकानों में आ रही दरारें

वहीं अब जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव ने अब विकराल रूप ले लिया है। अब स्थिति यह है कि भू-धंसाव ने अब सभी वार्डों को चपेट में ले लिया है। सोमवार रात को अचानक मकानों में दरारें आने लगीं जिससे पूरे नगर में दहशत फैल गई। जिसके बाद बुधवार को जेपी कॉलोनी के 50 प्रभावितों को कंपनी ने और अलग-अलग वार्डों से 16 प्रभावित परिवारों को प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया। इससे पूर्व 11 प्रभावितों को शिफ्ट किया जा चुका है। वहीं मारवाड़ी में भूमि से लगातार पानी का रिसाव होने से निचले क्षेत्र के भवनों को भी खतरा हो गया है। जिससे खतरे की जद में यह खुबसूरत शहर आ रहा है।