उत्तराखंड से जुड़ी खबर सामने आई है। उत्तराखंड के चंपावत में सीजेएम अरुण बोहरा की अदालत ने बाल विवाह के दोषियों को सजा सुनाई है। सभी दोषियों पर जेल में बिताई अवधि की सजा व जुर्माना लगाया गया है। छह लोगों के खिलाफ वर्ष 2018 में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। सभी आरोपी नेपाल के रहने वाले हैं।
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत दर्ज किया था मामला
नामिका अधिवक्ता गुणानंद थ्वाल व दीपक जोशी ने बताया कि मार्च 2018 में पुलिस को बाल विवाह होने की जानकारी मिली। मौके पर पहुंची पुलिस ने शादी रुकवा दी। दस्तावेज देखने पर पता चला कि नाबालिग की उम्र 14 साल है। वह जीआईसी चल्थी में कक्षा नौ में पढ़ती है। जिसके बाद पुलिस ने कोतवाली चम्पावत में दूल्हा प्रकाश सिंह, दूल्हे के पिता लाल सिंह, दूल्हे के दादा केशव सिंह साउद, दुल्हन के ताऊ केशव सिंह बोहरा, दुल्हन के बड़े भाई वीरेंद्र बोहरा, दुल्हन पक्ष के पुरोहित रमेश जोशी व दुल्हा पक्ष के पुरोहित जय दत्त कलौनी सभी निवासी नेपाल के खिलाफ 3/9/10/11 बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया।
जुर्माना अदा नहीं करने पर सभी दोषियों को सात दिन का कारावास
तमाम पक्षों को सुनने के बाद सीजेएम अरुण बोहरा ने दूल्हा प्रकाश सिंह साउद को धारा नौ के तहत जेल में बिताई सजा की अवधि व पांच हजार जुर्माने से दंडित किया। केशव सिंह साउद, केशव सिंह बोहरा, वीरेंद्र बोहरा को धारा 10 व 11 में जेल में बिताई सजा व पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया। दोषी पंडित रमेश जोशी व जय दत्त कलौनी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। जबकि दूल्हे के पिता लाल सिंह की सुनवाई के दौरान मौत हो गई। जुर्माना अदा नहीं करने पर सभी दोषियों को सात दिन की कारावास होगी।