होली हिन्दुओ का एक विशेष त्यौहार है, जो पूरे देश में हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है। लेकिन प्रदेश में होली का त्यौहार बसंत ऋतु के आगमन के साथ ही शुरू हो जाता है। कुमाऊं में होली का एक विशेष महत्व है, जो उत्तराखंड की संस्कृति को प्रदर्शित करता है।
तीन तरह से मनाई जाती है होली
कुमाऊनी होली तीन तरह से मनाई जाती है, जिसमे खड़ी होली, बैठकी होली शामिल है। कुमाऊं की खड़ी होली रंग वाली होली के कुछ दिनों पहले शुरू हो जाती है। जिसमे गांव के पुरुषो और बच्चो की टोली घर घर जाकर होली के उत्तराखंडी लोकगीत गाते है।
चीरबंधन और रंग पड़ने के साथ राग फाग और रंग के पर्व खडी होली का इंद्रधनुषी छटा का आगाज
जिसमे उत्तराखंड के पारम्परिक वेश-भूषा का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं कुमाऊँ में आज से चीरबंधन और रंग पड़ने के साथ राग फाग और रंग के पर्व खडी होली का इंद्रधनुषी छटा का आगाज हो गया है।
महिला कल्याण संस्था ने होलीकोत्सव आयोजित किया
वैदिक मंत्रों के बीच पुरोहितों ने यजमानों के घरों और देवालयों में चीर बंधवाई और होलियारों ने होली गायन किया। अब होलिका दहन तक घर घर जाकर होली का रंग जमेगा। उधर अल्मोडा में मां नंदा देवी मंदिर में महिलाओं ने होली गायन किया। महिला कल्याण संस्था ने होलीकोत्सव आयोजित किया।