उत्तराखंड : जड़ी-बूटी की खेती को बढ़ावा देने के लिए जड़ी-बूटी उत्पादन की योजनाओं को किया जाए सरल – मुख्य सचिव एस. एस. संधू

उत्तराखंड से जुड़ी खबर सामने आई है। उत्तराखंड में सरकार जड़ी-बूटी की खेती को लगातार बढ़ावा देने में जुटी है। जिससे काश्तकार आत्मनिर्भर बन सकें और जड़ी-बूटियों का सही ढंग से दोहन हो सके। इसी क्रम में मुख्य सचिव ने अधिकारियों को योजना को सरल बनाने के लिए निर्देशित किया है।

सीएस ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को बैठक के दौरान दिए निर्देश

उत्तराखंड में जड़ी-बूटी की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। हालांकि, प्रदेश में अभी तक जड़ी-बूटियों के सदुपयोग को लेकर करीब 300 एमएसएमई इकाइयां अस्तित्व में आ चुकी हैं। लेकिन अभी भी जड़ी-बूटियों का भंडार कहे जाने वाले उत्तराखंड में और अधिक संभावनाएं हैं। वहीं, उत्तराखंड राज्य में जड़ी-बूटी को लेकर मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने संबंधित विभागीय अधिकारियों की बैठक ली।

उत्तराखंड में जड़ी बूटी की अपार संभावनाएं हैं -सीएस

मुख्य सचिव एस.एस. संधु ने कहा कि प्रदेश में जड़ी-बूटी की अपार संभावनाएं हैं। इस क्षेत्र में रोजगार की सम्भावनाओं को देखते हुए, जड़ी-बूटी के उत्पादन और उसके प्रोसेस को बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है। साथ ही सीएस ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वन पंचायतों के लिए जल्द से जल्द योजना तैयार की जाए। इसके साथ ही जड़ी-बूटी की दिशा में जो वन पंचायतें पहले से ही काम कर रही हैं, उन पंचायतों को भी इस योजना में शामिल किया जाए।

योजना के लिए नियम और शर्तों को सरल बनाए जाने के दिए निर्देश

सीएस ने योजना के लिए नियम और शर्तों को सरल बनाए जाने के भी निर्देश दिए है। क्योंकि किसी भी योजना को सफल बनाने के लिए उसके नियमों को सरल रखा जाना जरूरी है, ताकि लोग आसानी से योजनाओं का लाभ उठा सके। इसके अलावा, हर्बल टूरिज्म पार्क योजना की शुरुआत भी जल्द किया जाए। योजनाओं को चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा। ऐसे में जो वन पंचायतें इस क्षेत्र में बेहतर काम करेंगी, उनको अधिक क्षेत्रफल में जड़ी-बूटी उत्पादन दिया जा सकता है।

लीसा के संबंध में प्रदेश की नियमावली को भी अपडेट किया जाने के दिए निर्देश

इसके अलावा बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने वन विभाग को निर्देश दिए कि लीसा के संबंध में प्रदेश की नियमावली को भी अपडेट किया जाए। क्योंकि अभी भी लीसा के उत्पादन में पुराने जमाने की तकनीक प्रयोग की जा रही है। जिसे अपडेट करने की जरूरत है, ताकि आसानी से और अधिक मात्रा में लीसा का उत्पादन किया जा सके।