उत्तराखंड से जुड़ी खबर सामने आई हैं। प्रदेश में गुमशुदगी के बढ़ते मामले चिंता का विषय हैं, उत्तराखंड राज्य गठन के 23 सालों में उत्तराखंड के अलग-अलग थानों में 37 हजार लोगों की गुमशुदगी लिखवाई गयी है. इनमें से करीब साढ़े 10 हजार केवल नाबालिग बच्चे हैं, इनमें से साढ़े 5 हजार लड़के और करीब 4 हजार 9 सौ बालिकाएं हैं।
दर्ज 5000 मामलों में, 500 नाबालिग बच्चें भी शामिल
यदि प्रयासों की बात की जाए तो पुलिस ने अभी तक 32 हजार लोगों को ही तलाश कर पायी है, आज भी करीब 5 हजार से ज्यादा लोग प्रदेश में गुमशुदा है, जिनकी गुमशुदगी थानों में धूल फांक रही है, इनमें करीब 500 नाबालिग बच्चे भी शामिल हैं।
दो महीने तक चलेगा ऑपरेशन स्माइल, पुलिस टीमें गठित
गुमशुदा लोगों को ढूंढने के लिए एक बार फिर डीजीपी अशोक कुमार ने ऑपरेशन स्माइल चलाया है. दो महीने तक चलनेवाले इस अभियान में सभी गुमशुदा लोगों को ढूंढने का प्रयास किया जाएगा। इस अभियान में गुमशुदाओं को तलाश करने के लिए देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर, नैनीताल में चार टीम, और अन्य जिलों के साथ 26 टीमों का गठन किया है। उत्तराखंड स्माइल पुलिस की हर टीम में एक सब इंस्पेक्टर के साथ चार कांस्टेबल को नियुक्त किया गया है, ये टीमें गुमशुदाओं की तलाश के लिए शेल्टर होम्स, ढाबे, कारखाने, बस अड्डे, रेलवे स्टेशन और धार्मिक स्थानों में जाकर वहां स्थित लोगों का सत्यापन भी करेगी।
6 सालों में, 4 हजार से अधिक बिछड़ो को अपनों से मिलवाया
डीजीपी अशोक कुमार ने बताया,कि प्रदेश में पिछले 6 सालों से ऑपरेशन स्माइल चल रहा है, जिसमें करीब 4 हजार गुमशुदा लोगों की तलाश कर उनके परिजनों तक मिलवाया है।