बागेश्वर की जागर गायिका कमला देवी के सुरों का जादू पूरी दुनिया देखेगी। 51 साल की कमला देवी ने कोक स्टूडियो में अपनी आवाज का जादू बिखेरा। उत्तराखंड से दो गायकों ने कोक स्टूडियो भारत सीजन-2 में अपने सुरों का जादू बिखेरा है।हम बात कर रहे हैं कुमाऊंनी लोक गायिका कमला देवी और संगीतकार, गायक दिग्विजय सिंह परियार की।
दी इस गाने की प्रस्तुति
आज उनके गीतों को कोक स्टूडियो की ओर से रिलीज किया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक कमला कुमाऊंनी लोक संगीत की पहली गायिका है जिन्होंने कोक स्टूडियो में कुमाऊं की प्रसिद्ध राजूला-मालूशाही की अमर प्रेम कहानी और पारंपरिक लोकगीत गोपुली बौराणा प्रस्तुत दी।उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कमला देवी को कोक स्टूडियो में गायन का अवसर मिलने पर उन्हें बधाई दी है।
कई कार्यक्रमों में दी है अपनी प्रस्तुति
उत्तराखंड के बागेश्वर जिले की गरुड़ तहसील स्थित लखनी गांव की कमला देवी का मायका रवाईखाल के बिजोरीझाल में हैं। उनके पिता बिर राम जागर और हुड़किया बोल गायक थे। लोक गायन की यह विधा उन्हें विरासत में मिली है। उन्होंने कई कार्यक्रमों में अपनी प्रस्तुति दी है। लोक गायिका कमला देवी ने आकाशवाणी अल्मोड़ा, देहरादून और लखनऊ दूरदर्शन पर कई कार्यक्रम प्रस्तुत किए हैं।
कोक स्टूडियो
कोक स्टूडियो भारतीय लोक संगीत से लेकर वर्तमान पॉप संगीत से लेकर हिपहॉप और वेस्टर्न संगीत का फ्यूजन तैयार करता है। यह भारत के सबसे लोकप्रिय म्यूजिक प्रोग्राम में से एक है। कोक स्टूडियो ने देश के कई गायकों को पहचान दी है।