उत्तराखंड: नवजात शिशु के पैर में डॉक्टर ने चढ़ा दिया प्लास्टर, काटना पड़ा पैर

ऋषिकेश: एसपीएस राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश पर एक नवजात बच्चे के पिता ने बच्चे के इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर शिकायत भेजने के साथ ही ऋषिकेश कोतवाली को भी शिकायत पत्र दिया है।

नवजात के पैरों में चिकित्सक ने चढ़ा दिया प्लास्टर

जानकारी के मुताबिक धनवीर सिंह रावत निवासी ग्राम जौंक स्वर्गाश्रम ट्रस्ट लक्ष्मणझूला पौड़ी गढ़वाल ने ऋषिकेश कोतवाली को दी तहरीर में बताया कि 13 सितंबर को उनकी पत्नी ने एसपीएस राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश में पुत्र को जन्म दिया। जिसके बाद चिकित्सकों ने बताया कि बच्चे के दोनों पैरों में हल्का टेड़ापन है। चिकित्सालय के अस्थि रोग विशेषज्ञ ने 15 सितंबर को उनके नवजात पुत्र के पैर पर पलास्टर चढ़ा दिया।जिसके बाद उसका पैर नीला पड़ने लगा तो चिकित्सक ने पलास्टर काट दिया। 17 सितंबर को दोबारा से बच्चे के पैर पर प्लास्टर कर दिया गया। जब पैर फिर से नीला पड़ने लगा तो उन्होंने चिकित्सक को इस बात की जानकारी दी, जिसपर चिकित्सक ने कुछ नहीं होने की बात की। चिकित्सक ने 27 सितंबर को दूसरा प्लास्टर भी काट दिया। जिसके बाद नौ अक्टूबर को बच्चे के पैर पर प्लास्टर चढ़ाया गया। 18 अक्टूबर को जब प्लास्टर खोला गया तो उक्त चिकित्सक ने बताया कि बच्चे का पैर गल गया है। जिसे काटना पड़ेगा। उसके बाद बच्चे को हिमालयन हास्पिटल जौलीग्रांट के लिए रेफर कर दिया गया।

बच्चे का पैर ऑपरेशन कर काटा

बच्चे के पिता ने तहरीर में बताया कि 19 अक्टूबर को हिमालयन हास्पिटल के चिकित्सकों ने जांच करने के बाद बच्चे के दायें पैर का ऑपरेशन कर उसे काट दिया। बच्चे के पिता ने आरोप लगाया कि राजकीय चिकित्सालय के संबंधित चिकित्सक की लापरवाही से उनका नवजात शिशु दिव्यांग हो गया। उन्होंने इस संबंध में कोतवाली पुलिस से प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।