उत्तराखंड: पलायन आयोग का नाम बदला, पलायन निवारण आयोग रखा गया

आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग की बैठक आयोजित की गई। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री  धामी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन को रोकने के उद्देश्य से बने इस आयोग का नाम पलायन निवारण आयोग रखा जाए।

कमेटी बनाने के निर्देश दिए

मुख्यमंत्री  धामी ने अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए एक ग्राम- एक सेवक की अवधारणा पर कार्य किये जाएं। जब उत्तराखण्ड राज्य स्थापना की रजत जयंती मनायेगा तब ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग तब तक किस-किस क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है, उन क्षेत्रों में कार्ययोजना के साथ ही कार्य एवं उपलब्धि धरातल पर दिखे, इस दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। पलायन आयोग द्वारा अपनी रिपोर्ट के माध्यम से जो सुझाव दिये जा रहे हैं, उन सुझावों को अमल में लाने के लिए संबंधित विभागों द्वारा ठोस कार्ययोजनाएं बनाई जाए। जनकल्याणकारी योजनाओं का लोगों को अधिक से अधिक लाभ मिले, इसके लिए प्रक्रियाओं के सरलीकरण पर क्षण ध्यान दिया जाए।

गांवों पर केन्द्रित योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए

ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए गांवों पर केन्द्रित योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के संसाधन बढ़ाने एवं अवस्थापना विकास से संबंधित केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं का आम जन को पूरा लाभ मिले।

ये रहे मौजूद

इस अवसर पर ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एस.एस. नेगी, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, श्री आनन्द बर्द्धन, सचिव श्री शैलेश बगोली, विशेष सचिव डॉ. पराग मुधुकर धकाते, अपर सचिव श्री आनन्द स्वरूप सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।