हिंदू धर्म में तुलसी पौधे का विशेष महत्व हैं । तुलसी का पौधा औषधि गुणों से भरपूर होने के साथ ही आस्था का प्रतीक माना जाता है । सुबह शाम तुलसी के पौधे की अराधना की जाती है । पुराणों में बताया गया है कि तुलसी के पौधे घर में लगे होने से इंसान के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं । तुलसी के पौधे से एक विशेष सकारात्मक ऊर्जा आती है । धार्मिक मान्यता है कि तुलसी की सेवा और आराधना से व्यक्ति स्वस्थ एवं सुखी रहता है। आइए जानते हैं घर में तुलसी का पौधा लगाने का धार्मिक महत्व।
घर में तुलसी का पौधा लगाने का धार्मिक महत्व
• पूजा के दौरान देवी-देवताओं को तुलसी पत्र अर्पित करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है ।
• यह भी मान्यता है कि तुलसी की पूजा हर रोज नियमित तौर से की जाती है तो घर में यमदूत कभी प्रवेश नहीं करते। और घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है।
• मान्यताओं के अनुसार तुलसी के पत्ते को गंगाजल के साथ मृत व्यक्ति के मुंह में रखने से व्यक्ति की आत्मा को शांति मिलती है और उसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
• तुलसी के बिना भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की कोई भी पूजा अधूरी मानी जाती है । और तुलसी का पौधा भोग में हनुमान जी को लगाया जाता है क्योंकि उन्हें वह बहुत प्रिय हैं।
जानें वैज्ञानिक महत्व
•तुलसी उम्र बढ़ाती है क्योंकि तुलसी के पौधे के पत्ते खाने से ऊर्जा का प्रवाह शरीर में नियंत्रित होता है जिससे उम्र बढ़ती है।
• संक्रामक रोग दूर करने में तुलसी महत्वपूर्ण साबित होती है ।
गणेश भगवान की पूजा में तुलसी का नहीं किया जाता प्रयोग, जानें क्यों
पौराणिक कथा के अनुसार एक दिन तुलसी देवी गंगा घाट के किनारे से गुजर रही थीं और गणपति वहां पर उस समय ध्यान कर रहे थे । गणपति को देखते ही तुलसी देवी उनकी ओर आकर्षित हो गईं और गणपति जी को विवाह का प्रस्ताव दे दिया लेकिन गणेश जी ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया । इस बात से क्रोधित होकर तुलसी देवी ने गणपति को श्राप दे दिया कि उनके दो विवाह होंगे। इस पर गणपति जी ने भी तुलसी देवी को श्राप दे दिया कि उनका विवाह असुर से होगा । और यह सुनकर तुलसी देवी गणपति जी से माफी मांगने लगी । तब गणपति ने कहा कि तुम्हारा विवाह शंखचूर्ण राक्षस से होगा लेकिन इसके बाद तुम पौधे का रूप धारण कर लोगी । गणेश भगवान ने कहा कि तुलसी कलयुग में जीवन और मोक्ष देने वाली होगी लेकिन मेरी पूजा में तुम्हारा प्रयोग नहीं होगा । इसलिए गणेश भगवान को तुलसी चढ़ाना शुभ नहीं माना जाता है ।