पत्नी का बार-बार अपने पति का घर छोड़कर जाना, पति पर क्रूरता- दिल्ली हाईकोर्ट

देश दुनिया की खबरों से हम आपको रूबरू कराते रहते हैं। एक ऐसी खबर हम आपके सामने लाए हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने एक मामले में अपना फैसला सुनाया।

दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली हाईकोर्ट ने एक फैसले में पत्नी के पति के घर को बार-बार छोड़कर जाने को मानसिक क्रूरता बताया है। जिस पर पति के तलाक को मंजूर किया। कोर्ट ने ये भी माना कि पत्नी का शादी के रिश्ते को जारी रखने का इरादा नहीं था। साथ पति के घर आने की कोशिश भी नहीं की।

हाईकोर्ट ने कहा- पत्नी का बार-बार अपने ससुराल का घर छोड़कर चले जाना मानसिक क्रूरता का कृत्य

रिपोर्ट्स के मुताबिक दंपती की शादी 1992 में हुई थी और फैमिली कोर्ट ने पति को तलाक देने से इन्कार कर दिया था। जिस पर महिला के पति ने तलाक का अनुरोध किया था और आरोप लगाया था कि उसकी पत्नी का गुस्सैल और अशांत स्वभाव है। साथ ही वह कम से कम सात बार उसे छोड़कर चली गई‌। उनकी शादी को 19 साल हो गये। जिसमें सात बार महिला अपने पति से अलग हुई और प्रत्येक की अवधि तीन से 10 महीने की थी।

तलाक को दी मंजूरी

रिपोर्ट्स के मुताबिक जस्टिस सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वैवाहिक संबंध परस्पर समर्थन, समर्पण और निष्ठा के माहौल में फलता-फूलता है तथा दूरी और परित्याग इस जुड़ाव को तोड़ता है। हाईकोर्ट की जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने पाया कि दोनों की शादी को 19 साल हो चुके हैं, जिसमें 3 से 10 महीने में अलग होने के 7 प्रयास हुए। कोर्ट ने कहा पत्नी का समय-समय पर घर छोड़कर जाना पति पर मानसिक क्रूरता है। इसके लिए कोई वजह या सफाई नहीं हो सकती। कोर्ट ने कहा, ‘‘यह एक स्पष्ट मामला है जहां प्रतिवादी (पत्नी) ने समय-समय पर, अपीलकर्ता की किसी गलती के बिना, ससुराल का घर छोड़ दिया। समय-समय पर प्रतिवादी का इस तरह से जाना मानसिक क्रूरता का कृत्य है, जिसका अपीलकर्ता (पति) को अकारण या बिना किसी औचित्य के सामना करना पड़ा।’’ पीठ ने कहा, ‘‘यह अपीलकर्ता को मानसिक वेदना का मामला है जिससे वह तलाक पाने का हकदार है।’’