‘विश्व टीबी दिवस’ 2022: आज है विश्व तपेदिक दिवस, जानें इसका इतिहास और इस बार की थीम

ट्यूबरकुलोसिस  जिसे तपेदिक  या क्षयरोग के नाम से भी जानते हैं। यह एक गंभीर और संक्रामक रोग है। भारत में 26 लाख टीबी के मामले हैं। टीबी रोगी के खांसने, छींकने से बैक्टीरिया स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में सीधे प्रवेश कर संक्रमित करते हैं। 

हर साल 24 मार्च को मनाया जाता है टीबी दिवस

टीबी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल ‘विश्व टीबी दिवस’ 24 मार्च को मनाते है। जिसका मुख्य उद्देश्य टीबी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के अलावा, जानकारी देना कैसे इस संक्रामक रोग से बचाव करना है।
2019 के मुकाबले 2020 में टीबी के मामले 24 लाख से घटकर 18 लाख रह गए हैं। कोरोना काल में जो सावधानी हमने बरतीं  कहीं न कहीं इसी का नतीजा है कि मरीजों की संख्या में एक साल में ही इतनी कमी आई है।

जानें इतिहास

24 मार्च, 1882 को जर्मन फिजिशियन और माइक्रोबायोलॉजिस्ट रॉबर्ट कॉच  ने टीबी के बैक्टीरियम यानी जीवाणु माइकोबैक्टीरियम ट्युबरक्लोसिस की खोज की थी।  उनकी यह खोज आगे चलकर टीबी के निदान और इलाज में बहुत मददगार साबित हुई ।  इस योगदान के लिए इस जर्मन माइक्रोबायोलॉजिस्ट को 1905 में नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया । यही वजह है कि टीबी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल ‘विश्व टीबी दिवस’ 24 मार्च को मनाते है। जिसका मुख्य उद्देश्य टीबी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के अलावा, जानकारी देना कैसे इस संक्रामक रोग से बचाव करना है।


जानें इसके लक्षण

विशेषज्ञ  बताते हैं कि –  टीबी पूरी तरह से खत्म होने वाला रोग है। यह सांस या खांसी से फैलती है। 2 हफ्ते से अधिक समय तक खांसी ,बुखार रहना, बलगम में खून आना, भूख कम लगना, वजन कम होना आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं।

अन्य लोगों को ऐसे करता है संक्रमित

तपेदिक यानि  टीबी  बैक्टीरिया  से होने वाला संक्रमण है। ये कई तरह की हो सकती है लेकिन मुख्य तौर पर फेफड़ों को प्रभावित करती है। संक्रमक व्यक्ति के खांसने या छींकने पर मुंह से निकालने वाली बूंदों में ये बैक्टीरिया उपस्थित होता है। जो आसपास के अन्य लोगों को संक्रमित कर सकता है।

समय पर इलाज न किया जाए तो वह व्यक्ति औसतन एक साल में 10-15 लोगों को संक्रमित कर सकता है

टीबी का इलाज भारत सरकार मुफ़्त में करती है।देश भर में डॉट्स के केंद्र हैं जहां पर फ्री में दवा मिलती है।  इलाज कम से कम 6 महीने जो ज्यादातर 2 साल तक भी चल सकता है।  जिससे यह रोग जड़ से खत्म हो सकता है।  अगर किसी संक्रमित व्यक्ति का सही समय पर इलाज न किया जाए तो वह व्यक्ति औसतन एक साल में 10-15 लोगों को संक्रमित कर सकता है। 
 
टीबी के रोकथाम के लिए ये है जरूरी

टीबी के रोकथाम के लिए जरूरी है कि साफ सफाई का ध्यान रखा जाए , खांसते या छींकते समय मुंह को ढके या कपड़ा रखें। अच्छा भोजन लें जिससे प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत हो सके।
80% मरीजों में टीबी का बैक्टीरिया फेफडों में ही पाया जाता है। यह बहुत खतरनाक होता है। क्योंकि इससे टीबी का फैलना बहुत सरल है। अगर टीबी फेफड़ों में नहीं है तो बहुत कम संभावना है कि इससे दूसरे व्यक्ति संक्रमित हों। 

एकबार टीबी होने के बाद दुबारा  होने की संभावना  10 में  से 1  होती है

खाने को लेकर विशेषज्ञ कहते हैं कि इसके लिए कोई विशेष भोजन की आवश्यकता नहीं होती है। बस कोशिश करें कि भोजन में सभी जरूरी तत्व मौजूद हों। भोजन में विटामिन , मिनरल ,फैट , कार्बोहाइड्रेट आदि सब मौजूद हो। बस ध्यान रखना चाहिए की टीबी के मरीज को शराब से दूर रहना चाहिए । शराब टीबी के मरीज के लिए बहुत घातक है।
टीबी का रोग हमेशा बैक्टीरिया से ही फैलता है। ये किसी के शरीर में अपने आप से पैदा नहीं होता है। हाँ ये हो सकता है कि टीबी का बैक्टीरिया किसी के शरीर में शांत अवस्था में मौजूद हो और शरीर के कमजोर होते ही उभर कर सामने जाए। एकबार टीबी होने के बाद दुबारा  होने की संभावना  10 में  से 1  होती है।

विश्व टीबी दिवस 2022’ की थीम

इस साल ‘विश्व टीबी दिवस 2022’ की थीम ‘इनवेस्ट टू एंड टीबी. सेव लाइव्स’ (Invest to End TB. Save Lives)’है ।  इसका शाब्दिक अर्थ है  टीबी को खत्म करने के लिए निवेश करे, जीवन बचाए’ हैं ।