आज 06 जुलाई 2025 है। आज विश्व जूनोसिस दिवस है। यह दिवस हर साल को मनाया जाता है। यह दिन जूनोटिक रोगों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित है।
जूनोटिक रोगों के बारे में जागरूकता बढ़ाना खास उद्देश्य
यह दिन जूनोटिक रोगों, जैसे कि इबोला, एवियन इन्फ्लूएंजा और वेस्ट नाइल वायरस के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। ज़ूनोसिस एक ऐसा संक्रामक रोग है, जो दो प्रजातियों के बीच फैल सकता है। आसान भाषा में कहें, तो यह जानवरों से इंसानों में या फिर इंसानों से जानवरों में फैलने वाला रोग है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, “ज़ूनोटिक रोगज़नक़ बैक्टीरिया, वायरल या पैरासाइटिक हो सकते हैं। इसके अलावा ये सीधे संपर्क में आने, खाने के जरिए या फिर पानी और पर्यावरण के माध्यम से भी इंसानों में फैल सकते हैं।
जानें इसके बारे में
फ्रेंच केमिस्ट और माइक्रोबायोलॉजिस्ट लुई पाश्चर ने 6 जुलाई, 1885 को रेबीज वायरस के खिलाफ पहले टीकाकरण का सफलतापूर्वक इजात किया था। रेबीज वायरस एक ज़ूनोटिक बीमारी है और प्रजातियों के माध्यम से फैलने के लिए जाना जाता है। चाहे वे वेक्टर जनित हों या भोजन जनित, ज़ूनोटिक रोग जानवरों और मनुष्यों के बीच तेजी से फैलने के लिए जाने जाते हैं।