सनातन धर्म में मंत्रों के जप का विशेष महत्व है और ये मंत्र बड़ी से बड़ी समस्याओं को खत्म करने की शक्ति भी रखते हैं। आधुनिकता के इस दौर में भले ही लोगों के पास मंत्रों के लिए समय ना हो लेकिन ये आज भी मंत्र नकारात्मक ऊर्जा को हटाकर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने में सक्षम हैं। हमारे ग्रंथो में ऐसे कई मंत्र बताए गए हैं जिनका जाप करने से जीवन में कई कष्टों का अंत होता है। मंत्रों के साथ अगर आप दवाई भी लें तो दवाई और अच्छे से फल दिखाएगी। कभी कभी हम दवाई लेते हैं और उसके बाद भी हमें यह लगता है कि हमें रोगों से छुटकारा नहीं मिल रहा है,अगर ऐसे में आप मंत्रों का जाप भी करते हैं तो उससे आपके शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।साथ ही हमें इनसे मानसिक शांति का आभास होता है क्योंकि हमें खुद ही लगता है कि दवाई से ज्यादा दुआ कारगर साबित होगी।
आइए जानें ये मंत्र
👉ऊं भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्।
यदि कोई जातक गंभीर बीमारी से जूझ रहा हो तो उसके लिए गायत्री मंत्र का जाप करना बहुत फायदेमंद रहता है। खासतौर पर गायत्री मंत्र का जाप मानसिक शांति पहुंचाता है।
👉अच्छी सेहत की प्राप्ति के लिए दुर्गासप्तशती में बताए गए मंत्र का नियमित रूप से करें जाप
देहि सौभाग्यमारोग्यं, देहि मे परमं सुखं।
रूपं देहि, जयं देहि, यशो देहि, द्विषो जहि।
👉हृदय रोग की समस्या के लिए मंत्र
क्क घन्नघ मित्रामहः आरोहन्नुत्तरां दिवम्।
हृद्रोग मम् सूर्य हरि मांण् च नाश्यं’
👉आरोग्यता प्राप्त करने के लिए भगवान शिव के इस मंत्र का जाप करें
‘क्क जूं सः माम्पालय पालय सः जूं क्क’
इस मंत्र के प्रभाव से हर तरह की शारीरिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
👉मरणासन्न को प्राणशक्ति प्रदान करने वाला मंत्र
अच्युतानंद गोविंद नामोच्चारणभेषजात। नश्यन्ति सकलारोगा: सत्यं सत्यं वदाम्यहम्।”
ये मंत्रों के उच्चारण से जो कंपन प्रकट होता है वह मानव मस्तिष्क की क्रियाओं को स्लोडाऊन करने की अपार क्षमता रखता है। वैदिक/पौराणिक मंत्र ब्रेन वेव्स और पल्स रेट को कम कर सकते हैं। जब सभी औषधियां विफल हो जाती हैं सारे लौकिक उपाय हाथ खड़ा कर लेते हैं तब यह मंत्र ही है जो मरणासन्न को प्राणशक्ति प्रदान करता है।