बात शिक्षा की हो या रोजगार की, भारत सरकार जनजातीय समुदाय के उत्थान के लिए प्रयासरत है ।
सरकार पिछले कुछ सालों से विभिन्न योजनाओं के जरिए आदिवासियों के उत्थान का पूरा प्रयास कर रही है। चाहे एकलव्य आवासीय विद्यालय योजना हो या वन धन विकास योजना, इन सब का उद्देश्य जनजातीय समुदाय का कल्याण ही है।
स्कूल नवाचार दूत प्रशिक्षण कार्यक्रम
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने कुछ दिनों पहले ही संयुक्त रूप से 50,000 स्कूल शिक्षकों के लिए ‘स्कूल नवाचार दूत प्रशिक्षण कार्यक्रम’ का शुभारंभ किया। स्कूल नवाचार दूत प्रशिक्षण कार्यक्रम (एसआईएटीपी) बच्चों की रचनात्मकता को नई ऊंचाई देगा और एक मंच प्रदान करेगा ताकि वे अपने विचारों से दुनिया को कुछ नया दे सकें।
50 लाख से अधिक जनजातीय लोगों को कोविड टीकाकरण अभियान से जोड़ने का प्रयास
केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने कोविड टीका संग सुरक्षित वन, धन और उद्यम’ अभियान इसका शुभारंभ किया। यह अभियान यूनिसेफ और विश्व स्वास्थ्य संगठन की साझेदारी में शुरू किया जा रहा है। इसका उद्देश्य 50 लाख से अधिक जनजातीय लोगों को कोविड टीकाकरण अभियान से जोड़ना है । यह अभियान, भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक राष्ट्रीय स्तर की सहकारी संस्था, भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ लिमिटेड (ट्राइफेड) के 45,000 वन धन विकास केंद्रों (वीडीवीके) की सुविधाओं का लाभ उठाएगा।
एकलव्य आवासीय मॉडल स्कूल
3-4 जुलाई, 2021 को केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने झारखंड के तीन जिलों में 5 एकलव्य आवासीय मॉडल स्कूलों (ईएमआरएस) के निर्माण की आधारशिला रखी। भारत सरकार की योजना के अनुसार वर्ष 2022 तक 50% से अधिक एसटी आबादी या कम से कम 20,000 आदिवासी व्यक्तियों वाले प्रत्येक ब्लॉक में एक ईएमआरएस होगा। ईएमआरएस जनजातीय मामलों के मंत्रालय का प्रमुख कार्यक्रम है और यह परिकल्पना की गई है कि ईएमआरएस में शिक्षा का स्तर जवाहर नवोदय विद्यालयों के बराबर होगा।
आदि-प्रशिक्षण पोर्टल
हाल ही में, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने 16 जून को दिल्ली में आदि-प्रशिक्षण पोर्टल भी लॉन्च किया था। मंत्रालय द्वारा विकसित आदि-प्रशिक्षण पोर्टल जनजातीय अनुसंधान संस्थानों (टीआरआई), मंत्रालय के विभिन्न प्रभागों, जनजातीय छात्रों की शिक्षा के लिए राष्ट्रीय सोसायटी (एनईएसटी), जनजातीय मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित उत्कृष्टता केंद्र एवं राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान द्वारा संचालित सभी प्रशिक्षण कार्यक्रमों के केंद्रीय भंडार के रूप में बनाया गया है। इसी दिन राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान और भारत सरकार के जनजातीय अनुसंधान एवं विकास संस्थान द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित तीन दिवसीय “एसटी पीआरआई सदस्यों के लिए मास्टर प्रशिक्षकों की क्षमता निर्माण प्रशिक्षण” कार्यक्रम का भी उद्घाटन किया था।
‘ट्राईफूड’ देगा 10,000 से अधिक आदिवासी परिवारों को रोजगार
जनजातीय मामलों के मंत्रालय के तहत ट्राइबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ट्राइफेड) का अपना ई-कॉमर्स पोर्टल www.tribesindia.com है जो जनजातीय उत्पादों का विपणन करता है। यह अमेजोन, स्नैपडील, फ्लिपकार्ट, पेटीएम, और जेम जैसे सभी प्रमुख ई-कॉमर्स पोर्टल्स पर भी मौजूद है। ‘ट्राईफूड’ योजना खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, जनजातीय मामलों के मंत्रालय और ट्राइफेड की एक संयुक्त पहल है। इस योजना के तहत ट्राइफेड द्वारा छत्तीसगढ़ के जगदलपुर और महाराष्ट्र के रायगढ़ में लगभग 11 करोड़ रुपये की लागत से तृतीयक मूल्यवर्धन केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। इनमें से प्रत्येक मेगा-फूड पार्क व्यवसायिक रूप से प्रबंधित विनिर्माण और उत्पादन केंद्र के रूप में मूल्यवर्धन, विपणन, पैकेजिंग और ब्रांडिंग संचालन को बढ़ाएगा और 10,000 से अधिक आदिवासी परिवारों को सीधे आजीविका प्रदान करेगा।