अरस्तू ने एक बार कहा था कि हाथी “वे जानवर हैं जो मन और बुद्धि की दृष्टि से सभी अन्य जानवरों को पीछे छोड़ देते हैं।”
हाथियों की रक्षा और सम्मान करने और उनके सामने आने वाले खतरों के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 12 अगस्त को विश्व हाथी दिवस मनाया जाता है। हाथी भले ही सबसे विशाल पशु है, लेकिन उसके सामने भी तमाम चुनौतियां आये दिन आती हैं, वो चाहे जंगली जानवरों की वजह से हों या फिर इंसानों से। इसलिए, उनकी रक्षा के तरीकों का पता लगाने और हाथियों की रक्षा करना बेहद जरूरी है। साथ ही वर्षावनों की जैव विविधता को बनाए रखने में भी हाथियों की बड़ी भूमिका है
12 अगस्त, 2012 को पहला अंतर्राष्ट्रीय हाथी दिवस मनाया गया
12 अगस्त, 2012 को पहला अंतर्राष्ट्रीय हाथी दिवस मनाया गया। तब से, यह हर साल मनाया जाता है और यह दिन विशाल पशु हाथी के संरक्षण और उनकी देख रेख के लिए समर्पित है। माइकल क्लार्क और पेट्रीसिया सिमा, कनाडा के दो फिल्म निर्माता और थाईलैंड में एलीफैंट रिइनोड्रोडक्शन फाउंडेशन के महासचिव सिवापॉर्न डारडरानंद ने 2011 में विश्व हाथी दिवस मनाने का फैसला किया। यह दिन लोगों को जंगली जानवरों, हाथियों के लिए बेहतर संरक्षण की आवश्यकता को समझने और हाथी दांत के अवैध अवैध शिकार को रोकने के उद्देश्य से मनाया जाता है। हाथियों की जनसंख्या की बात करें तो प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक विश्व भर में 415,000 अफ्रीकन हाथी और 40,000-50,000 एशियन हाथी हैं।
भारत में हाथी का महत्व
दुनिया के लिए हाथी पृथ्वी पर सबसे विशाल जानवर है, लेकिन भारत में हाथी से लोगों की आस्था जुड़ी है। देश के कई राज्य हैं, जहां हाथी की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में भगवान गणेश के हाथी रूप की ही पूजा की जाती है। कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में फैले पश्चिमी घाट, नीलगिरी और पूर्वी घाट को लगभग 10,000 हाथियों के साथ “एशिया के हाथी साम्राज्य” के रूप में जाना जाता है।
भारतीय हाथी झाड़ीदार जंगलों के पास रहते हैं, पर इनकी रिहायिश अन्य जगहों पर भी हो सकती है। ये स्वभाव से खानाबदोश होते हैं और एक स्थान पर कुछ दिनों से ज़्यादा नहीं रहते हैं। ये जंगलों में रह सकते हैं पर खुले स्थान व घास वाली जगहों पर जाना पसंद करते हैं। भारतीय संस्कृति में हाथी का विशेष महत्व होने के बावजूद दुर्भाग्यवश इनकी संख्या घटती जा रही है।
भारत में हाथियों की संख्या
अगस्त 2017 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हाथियों की कुल संख्या 27,312 दर्ज की गई। इसमें हाथियों की सर्वाधिक संख्या कर्नाटक में दर्ज की गई है, जहां 6049 हाथी थे, इसके बाद असम 5719 हाथियों के बाद दूसरे और केरल जहां 3054 हाथी मिले तीसरे स्थान पर रहा। आपको बता कि भारत में हर पांच साल में हाथियों की गिनती होती है। भारत में हाथियों के संरक्षण औप इनकी संख्या बढ़ाने के लिये हाथी गलियारे का निर्माण किया गया। भारत में इस तरह के करीब 101 गलियारे हैं जिनमें से सबसे अधिक गलियारे पश्चिम बंगाल में स्थित हैं। झारखंड राज्य में हाथी राष्ट्रीय पशु घोषित है, लेकिन राज्य में भी हाथियों की संख्या में कमी आयी है। साल 2017 में हाथियों के संरक्षण के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान ‘गज यात्रा’ को लांच किया गया। जिसमें हाथियों की बहुलता वाले 12 राज्यों को शामिल किया गया था।
दांत के लिए अवैध रूप से शिकार
अक्सर हाथियों की दांत के लिए अवैध रूप से इनका शिकार हो रहा है। हाथियों के दांत की कीमत बहुत ज्यादा होती है। विदेशी बाजार में भी हाथी दांत की काफी मांग रहती है। इनके दातों का प्रयोग साज-सजावट की कीमती चीजों को बनाने से लेकर शक्ति वर्धक दवाओं में भी इस्तेमाल किया जाता है।