पोषण अभियान देश के बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए पोषण में सुधार के लिए भारत सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है। 8 मार्च, 2018 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राजस्थान के झुंझुनू से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रारंभ किया गया, पोषण अभियान कुपोषण की समस्या और मिशन-मोड में इसको खत्म करने की ओर देश का ध्यान केन्द्रित करती है। इसी को ध्यान में रखते हुए केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा ही कि इस बार पूरे सितंबर महीने में पोषण माह ‘साप्ताहिक विषय’ के आधार पर मनाया जाएगा।
क्या है अभियान का उद्देश्य
पोषण अभियान के उद्देश्यों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, 2021-2022 के बजट में मिशन पोषण 2.0 (सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0) को एक एकीकृत पोषण सहायता कार्यक्रम के रूप में घोषित किया गया है, ताकि पोषण सामग्री, वितरण और पहुंच को मजबूत किया जा सके। विकासशील कार्यप्रणालियों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ ऐसे परिणामों पर पहुंचा जा सके जो रोग एवं कुपोषण के प्रति प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हुए स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित करते हैं।
हर सितंबर में मनाया जाता है पोषण माह
पोषण अभियान एक “जन आंदोलन” है जिसमें स्थानीय निकायों, राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के सरकारी विभागों, सामाजिक संगठनों और सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों की समावेशी भागीदारी शामिल है। सामुदायिक लामबंदी को सुनिश्चित करने और लोगों की भागीदारी को बढ़ाने के लिए, हर वर्ष सितंबर महीने को पूरे देश में पोषण माह के रूप में मनाया जाता है।
इस वर्ष, जब भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है ऐसे में त्वरित और गहन पहुंच को सुनिश्चित करने के लिए, समग्र पोषण में सुधार की दिशा में पूरे महीने को साप्ताहिक विषयों में विभाजित किया गया है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर पूरे महीने कई गतिविधियों की योजना बनाई है।
ये लोग देंगे पोषण का संदेश
पोषण माह के दौरान, पोषण जागरूकता से संबंधित गतिविधियों को सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में जमीनी स्तर तक संचालित किया जाएगा। महिला एवं बाल विकास विभाग जैसे कार्यान्वयन विभाग/एजेंसियां आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के माध्यम से आशा, एएनएम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, स्कूलों के माध्यम से स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग, पंचायतों के माध्यम से पंचायती राज विभाग, और ग्रामीण विकास के माध्यम से स्वयं सहायता समूह इन गतिविधियों को अंजाम देंगे और महिलाओं एवं बच्चों का एक स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित करने के लिए पूरे महीने पूरे सितंबर महीने में इसका संदेश फैलाएंगे।
पूरे माह की जाएंगी विभिन्न गतिविधियां
इस वर्ष पोषण माह के दौरान गतिविधियों की विस्तृत श्रृंखला आंगनवाड़ियों, स्कूल परिसरों, ग्राम पंचायतों और अन्य स्थानों पर उपलब्ध स्थलों में सभी हितधारकों द्वारा पोषण वाटिका के लिए वृक्षारोपण अभियान पर केंद्रित होगी। पौधरोपण गतिविधियां पौष्टिक फलों के वृक्ष, स्थानीय सब्जियों और औषधीय पौधों और जड़ी-बूटियों के पौधे लगाने पर केंद्रित होगी। कोविड टीकाकरण और कोविड प्रोटोकॉल के पालन के लिए संवेदीकरण/जागरूकता अभियान का भी आयोजन किया जाएगा। पोषण माह के दौरान (6 वर्ष से कम आयु के) बच्चों के लिए ऊंचाई और वजन माप के लिए एक विशेष अभियान चलाया जाएगा। गर्भवती महिलाओं के लिए स्थानीय रूप से उपलब्ध पौष्टिक भोजन की जानकारी को सामने लाने के लिए स्लोगन लेखन और इसे पकाने की विधि की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। सरकार और कॉर्पोरेट निकायों के कर्मचारियों के लिए विभिन्न कार्यस्थलों पर “5-मिनट योग प्रोटोकॉल” पर सत्र होंगे। इसके अलावा क्षेत्रीय/स्थानीय भोजन के महत्व पर जागरूकता अभियान, पोषण किटों का वितरण जिसमें क्षेत्रीय पोषक तत्व से भरपूर भोजन (जैसे सुकड़ी-गुजरात, पंजीरी-पंजाब, सत्तू-बिहार, चिक्की- महाराष्ट्र) शामिल होंगे। साथ ही एनीमिया शिविर, एसएएम बच्चों की ब्लॉकवार पहचान के लिए अभियान, बच्चों में एसएएम के प्रसार से निपटने के लिए एक पहल के रूप में 5 वर्ष की आयु तक के एसएएम बच्चों के लिए पर्यवेक्षण पूरक आहार कार्यक्रम, तीव्र कुपोषण के सामुदायिक प्रबंधन के लिए संवेदीकरण और एसएएम बच्चों के लिए पौष्टिक भोजन का वितरण भी किया जाएगा।