उत्तराखंड से जुड़ी खबर सामने आई है। उत्तराखंड में बहुप्रतीक्षित ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में कार्य जारी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की स्वप्निल ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना कुल 16,216 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रही है। वर्ष 2025 तक इसे पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
बहुप्रतीक्षित कर्णप्रयाग रेल परियोजना
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बहुप्रतीक्षित कर्णप्रयाग रेल परियोजना की सबसे लंबी सुरंगों में काम कर रही दो टीबीएम (टनल बोरिंग मशीन) ‘शिव’ और ‘शक्ति’ हर माह कीर्तिमान स्थापित कर रहीं हैं। रुद्रप्रयाग में सुमेरपुर से नरकोटा के बीच 9.46 किमी लंबी निकास सुरंग आर-पार हो गई है। निगम के अधिकारियों का कहना है कि शीघ्र ही मुख्य सुरंग भी आर-पार कर दी जाएगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक परियोजना में सुरंगों की खोदाई में अब तक 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। बताया है कि ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक 125 किमी लंबी इस परियोजना में 104 किमी लंबी रेल लाइन 17 सुरंगों से होकर गुजरेगी।
80 प्रतिशत पूरा हुआ काम
रिपोर्ट्स के मुताबिक इन मशीनों से जून में रिकार्ड 796 मीटर सुरंग का निर्माण किया गया। इसमें 552 मीटर खोदाई ‘शक्ति’ और 244 मीटर खोदाई ‘शिव’ से की गई। शिव और शक्ति ने बीते अगस्त में 1080.11 रनिंग मीटर (आरएम) सुरंग का निर्माण कर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इन मशीनों का व्यास 9.11 मीटर और लंबाई 140 मीटर है, जो 7.8 मीटर की फिनिश्ड लाइनिंग वाली सुरंगें बनाने के लिए डिजाइन की गई हैं। जिसमें ‘शक्ति’ ने 16 दिसंबर 2022 को और ‘शिव’ ने एक मार्च 2023 को खोदाई का कार्य शुरू किया था।