अल्मोड़ा: लगातार शिक्षकों व छात्र/छात्राओं को सम्मानित कर उन्हें शिक्षा के लिये प्रेरित कर रहे हैं- पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक

विधानसभा अल्मोडा के विद्यालयों में शिक्षक/कर्मचारियों तथा विद्यार्थियों को शिक्षा के लिये प्रेरित करने हेतु लगातार सम्मान समारोह कार्यक्रम पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक द्वारा आयोजित किये जा रहे हैं जिसके अन्तर्गत शिक्षक/कर्मचारियों तथा विद्यार्थियों को अंगवस्त्र एवं प्रतीक चिन्ह प्रदान कर उनके मनोबल को बढाया जा रहा है । इसी क्रम में आज अल्मोडा नगर के अन्तर्गत राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तलाड के शिक्षकों/कर्मचारियों तथा विद्यार्थियों को शिक्षा के क्षेत्र में प्रोत्साहित किये जाने के लिये एक सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया गया। सम्मान समारोह में 55 शिक्षक/कर्मचारी ,छात्र तथा अभिभावकों द्वारा प्रतिभाग किया गया । श्री कर्नाटक द्वारा सभी का स्वागत,अभिनन्दन करते हुये उन्हें धन्यबाद दिया कि वे विद्यार्थियों के मनोबल को बढाने हेतु सभा स्थल पर उपस्थित हुये । उन्होंने शिक्षकों/कर्मचारियों को अंगवस्त्र एवं प्रतीक चिन्ह तथा छात्र/छात्राओं को अंगवस्त्र भेंट कर प्रतीक चिन्ह व मेडल से सम्मानित किया । 

यह सम्मान कार्यक्रम उन्हें प्रोत्साहित करने तथा पढ़ाई के प्रति उनका मनोबल बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है

              श्री कर्नाटक ने अपने सम्बोधन में विद्यार्थियों से कहा कि यह सम्मान कार्यक्रम उन्हें प्रोत्साहित करने तथा पढ़ाई के प्रति उनका मनोबल बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है । क्योंकि कोरोना महामारी में आनलाईन शिक्षा एक चुनौती थी जिसे विद्यार्थियों ने स्वीकार किया और शिक्षकों ने विद्यार्थियों तक आनलाईन शिक्षा पहंुचाने के लिये कठिन परिश्रम व मेहनत की है । उन्होंने छात्रों को सम्बोधित संवाद में कहा कि विगत वर्ष छात्र/छात्राओं ने आन-लाईन माध्यम या अन्य सम्भव माध्यम से अपनी पढाई जारी रखी और हाईस्कूल बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर अपना एक विशेष स्थान बनाया है जो अत्यन्त प्रशंसा के योग्य है जिसके लिये वे बधाई के पात्र हैं । साथ ही उन्होंने जोर देते हुये कहा कि इन्टरमीडिऐट बोर्ड परीक्षा में भी वे और अधिक मेहनत कर हाईस्कूल परीक्षा से उत्कृष्ठ अंक प्राप्त करेंगे ।            

समाज व देश हित में अपने को समर्पित करना चाहिये
                     
            उन्होंने कहा कि शिक्षक मात्र पढाने तक ही सीमित नहीं रहते अपितु विद्यार्थियों को उचित निर्देशन प्रदान कर उनका भविष्य संवारने का कार्य भी करते हैं । वे ही विद्यार्थियों में सद्गुणों का विकास कर उन्हें श्रेष्ठ व आदर्श बनाते हैं साथ ही छात्र/छात्राओं के मन में ईमानदारी,अनुशासन,राष्ट्रभक्ति,स्वालम्बन आदि के प्रति उत्साह  भरकर एक समाज निर्माता के रूप में विभिन्न विषयों के अन्तर्गत उनके अधिकार, कर्तव्य एवं दायित्वों से सम्बन्धित चेतना जागृत कर उनका मार्गदर्शन भी करते हैं । जिसके लिये विद्यार्थियों को अपने माता-पिता तथा गुरूजनों का सदैव आदर कर उनका गौरव बढाना चाहिये तथा समाज व देश हित में अपने को समर्पित करना चाहिये ।

विद्यार्थियों का कर्तव्य मात्र विद्या अध्ययन ही नही है

           श्री कर्नाटक ने छात्राओं का मार्गदर्शन करते हुये कहा कि विद्यार्थियों का कर्तव्य मात्र विद्या अध्ययन ही नही है अपितु  स्वयं का शारीरिक ,बौद्विक,मानसिक विकास करना व   मादक पदार्थो से दूर रहना भी है । विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ शारीरिक दक्षता के खेलों में प्रतिभाग करना चाहिये ताकि व्यायाम,खेलकूद,मनोरंजन के द्वारा वे अपने शरीर को तंदुरूस्त एवं स्वस्थ बना सकें । उन्होंने कहा कि आलस्य छोड़कर सब काम नियमपूर्वक करने के साथ ही अपना कार्य स्वयं करना चाहिये जिससे छात्र/छात्राओं में स्वालम्बन और आत्मविश्वास की भावना बनी रहे । आलस्य व कुसंगति ,नशा/मादक पदार्थो से दूर रहकर लक्ष्य निर्धारण के साथ परिश्रम से पढ़ना व अनुशासित,आत्मविश्वासी,परिश्रमी बनना चाहिये। 
विद्यालय के प्रधानाचार्य ने पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक का स्वागत/अभिनन्दन करते हुये उनका आभार प्रकट किया और कहा कि उनके द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों/कर्मचारियों तथा विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किये जाने के लिये विद्यालयों में जो सम्मान कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं वह सभी के लिये प्रेरणा व सीख है । इसके लिये विद्यालय परिवार उन्हें धन्यवाद देते हुये उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता है । उन्होंने छात्र/छात्राओं से कहा कि श्री कर्नाटक ने अपने सम्बोधन में विद्यार्थियों को जो ज्ञान रूपी प्रकाश की राह दिखाकर उनका मार्गदर्शन किया है वे उस पर अवश्य अमल करें और प्रेरणा लेकर आगे बढें तो उनका भविष्य निश्चित ही सुन्दर एवं उज्जवल होगा ।    

यह लोग रहे उपस्थित

       इस अवसर पर मुख्य रूप से भरत भूषण (भानु),गौरव काण्डपाल,देबेन्द्र प्रसाद कर्नाटक,हेम चन्द्र जोशी, प्रशान्त कुमार नेगी,प्रकाश मेहता, धीरज बिष्ट,किरन कोरंगा,भावना जीना,चित्रा खाती,दिव्या पाटनी आदि उपस्थित थे । इस कार्यक्रम का संचालन रश्मि काण्डपाल द्वारा किया गया ।