अल्मोड़ा: रीठागाड क्षेत्र के कनारीछीना की महिलायें काफी लंबे समय से होली कार्यक्रम विधिवत ढंग से मनाती आ रही हैं । यहां तीन चार गाँव की मात्र शक्ति लंबे समय से मां भगवती मंदिर रीमागडा में होली मनाती हैं । ये महिलाएं होली महोत्सव में अपनी पारम्परिक परम्परा झोडा चांचरी से शुरुवात करती हैं ।
रीमागडा में मात्र शक्ति रोज होली कार्यक्रम को मनाती हैं
एकादशी से छरणी तक मां भगवती मंदिर रीमागडा में मात्र शक्ति रोज होली कार्यक्रम को मनाती हैं। लास्ट छैरणी के दिन शुबे मां भगवती मंदिर रीठागडा छैरणी करके व उसके अगले दिन सभी गांवों तीन चार गांवों की महिलाओं के मंदिर में भंडारा किया जाता है।उस भंडारे में सभी को प्रसाद वितरित किया जाता है।
रीठागाड लोक संस्कृति नगरी मानी जाती है
प्राचीन काल से ही रीठागाड लोक संस्कृति नगरी मानी जाती है। प्रताप सिंह नेगी रीठागाडी दगड़ियों संघर्ष समिति के अध्यक्ष ने बताया स्व० मोहन सिंह व स्व० प्रताप सिंह इसी रीठागाड के जन्म भूमि के थे।मोहन रीठागाडी व प्रताप सिंह रीठागाडी के नाम से रीठागाड को जाना जाता है।ये दोनों कुमाऊं मंडल के लोकप्रिय व लोक संस्कृति के महान कलाकारो में माने जाते थे।तब से रीठागाड को रंगीली रीठागाड कहा जाता है।