हल्द्वानी: राशनकार्ड के नए नियम गरीबों के साथ छल : डॉ कैलाश पांडेय

हल्द्वानी: विधानसभा चुनाव में सबको मुफ्त राशन का वादा करके वोट लेने के बाद भाजपा अब राशनकार्डों को निरस्त करवा रही है। यह देश के नागरिकों के साथ खुला धोखा है। यह कहना है भाजपा (माले) नैनीताल जिला कमेटी के सचिव डॉ कैलाश पांडे का।

गरीब आम जनता से फ्री राशन के बदले वोट लेने का अघोषित दांव चला

प्रेस को जारी बयान में उन्होंने कहा कि
भाजपा ने चुनाव घोषणापत्र में गरीब आम जनता से फ्री राशन के बदले वोट लेने का अघोषित दांव चला और अब चुनाव बाद अपात्र बताकर राशनकार्ड निरस्त करवा रहे हैं। यही नहीं राशनकार्ड निरस्त न करवाने पर जुर्माना भी लगाने के आदेश जारी किए गए हैं। भाजपा द्वारा बहाना बनाया जा रहा है कि कोरोना काल में ज्यादा राशनकार्ड बन गए। सवाल है कि राशन कार्ड बनाये किसने और वे चुनाव बाद अवैध कैसे हो गए इसको जबाब भाजपा सरकार को देना चाहिए।

कोरोना महामारी से उपजे संकट के बाद रोजगार बुरी तरह प्रभावित हुआ है

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से उपजे संकट के बाद रोजगार बुरी तरह प्रभावित हुआ है ऐसे में आपदा में अवसर की रणनीति का पालन करते हुए मोदी सरकार ने जिस तरह गरीबों के मुँह का निवाला तक छीनने की नीति बनायी है यह बेहद शर्मनाक है।  अभी तो जरूरत इस बात की थी कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली का विस्तार करके सभी गरीबों और बेरोजगारों को उसमें शामिल किया जाता लेकिन इसके ठीक विपरीत केन्द्र सरकार गरीब विरोधी राशन प्रणाली लागू कर रही है।

काशी और मथुरा का साम्प्रदायिक कार्ड खेला जा रहा है

उन्होंने कहा कि गरीबों- बेरोजगारों का ध्यान बंटाने के लिए काशी और मथुरा का साम्प्रदायिक कार्ड खेला जा रहा है। ये सब बंद होना चाहिए और सभी गरीबों, बेरोजगारों, मजदूरों, अल्पकालिक काम करने वालों, ठेका- संविदा- मानदेय- पारिश्रमिक आधारित कामगारों को खाद्य सुरक्षा की गारंटी सुनिश्चित करने का काम सरकारों को करना चाहिए।