आज हम स्वास्थ्य से संबंधित फायदों के बारे में आपको बताएंगे। आज हम बात करेंगे सरसों के साग की। स्वाद में तो सरसों के साग का कोई मुकाबला नहीं है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके फायदे भी बेमिसाल हैं?
तो चलिए हम बता देते हैं सरसों के साग के जबरदस्त फायदे –
मधुमेह को रोकता है-
सरसों के साग में फाइटोन्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं। फाइटोन्यूट्रिएंट्स एक प्राकृतिक रसायन हैं जो खाद्य पदार्थों वाले पौधे में पाए जाते हैं। ये रसायन सूक्ष्म, कवक, कीड़े और अन्य खतरों से पौधों की रक्षा में मदद करते हैं लेकिन मानव शरीर के लिए भी यह लाभदायक हैं। फाइटोन्यूट्रिएंट्स युक्त खाद्य पदार्थों को खाने से रोग को रोकने और अपने शरीर को ठीक से काम करने में मदद मिलती है। फाइटोन्यूट्रिएंट्स युक्त उच्च आहार मधुमेह और मोटापे को रोकने में मदद करता है और मस्तिष्क की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है।
एंटीऑक्सिडेंट के लिए-
सरसों के साग के सेवन से हमें तीन शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट विटामिन k, विटामिन ए और विटामिन सी प्राप्त होते हैं। इसके अलावा यह मैंगनीज़, फोलेट और विटामिन ई का उत्कृष्ट स्रोत है। विटामिन ई, सी और ए फ्री रेडिकल्स को नष्ट करने में मदद करते हैं जिनके कारण कोशिका की झिल्लियों को नुकसान पहुँचता है। साथ ही यह अस्थमा, हृदय रोगों और रजोनिवृत्ति के लक्षणों से जूझ रहे लोगों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है
प्रेग्नेंसी में लाभदायक-
सरसों का साग गर्भवती महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद है क्योंकि इसमें विटामिन k काफी मात्रा में पाया जाता है। गर्भवती महिलाओं में उल्टी और मतली की समस्या अक्सर विटामिन k की कमी के कारण होती है। विटामिन k 70 से कम घंटों में इस समस्या में राहत प्रदान करता है और भविष्य में इन लक्षणों को रोकने में मदद करता है।
विषाक्त पदार्थ हटाता है-
सरसों के साग में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स और सल्फर शरीर से विषाक्त पदार्थों को हटाते हैं जिसके कारण हृदय स्वास्थ्य अच्छा रहता है और कई अन्य प्रकार की दीर्घकालिक बीमारियों और रोगों को रोकने में मदद मिलती है।
सूजन करता है कम-
सरसों के साग में मौजूद विटामिन k और ओमेगा -3 फैटी एसिड में सूजन को कम करने के गुण पाए जाते हैं जो सूजन को दूर कर कैंसर, हृदय रोग, गठिया जैसी बीमारियों के खतरे को कम करते हैं।
कैंसर दूर रखता है-
सरसों के साग के एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण यह कैंसर को रोकने में मदद भी करता है। अनुसंधान में पाया गया है कि सरसों का साग मूत्राशय, कोलन, स्तन, फेफड़े, प्रोस्ट्रेट और अंडाशय के कैंसर को रोकने में उपयोगी होता है।
हृदय के लिए फायदेमंद-
सरसों का साग विभिन्न प्रकार से हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह शरीर से कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है और अच्छी मात्रा में फोलेट प्रदान करता है। फोलेट होमोसिस्टीन के निर्माण को रोकता है जो हृदय रोग की समस्या में योगदान कर सकता है।
पाचन क्रिया ठीक रहती है-
सरसों के साग में फाइबर पाया जाया जाता है जो बृहदान्त्र के अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह चयापचय को नियमित करता है और पाचन प्रक्रिया में मदद करता है।
हड्डियों के लिए फायदेमंद-
सरसों का साग कैल्शियम और पोटेशियम का भी स्रोत है जो हड्डियों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद हैं। यह हड्डियों से जुडी समस्याओं जैसे हड्डियों के टूटने को भी रोकता है।
वजन कम करने में मददगार-
सरसों के साग में उच्च मात्रा में फाइबर होने से इसका सेवन चयापचय को नियमित करने में मदद करता है और इस प्रकार शरीर का वजन सही रहता है।
मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी-
जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं हमारे मानसिक रूप से काम करने की क्षमता कम होने लगती है। अध्ययनों में पाया गया है कि प्रतिदिन तीन बार हरे पत्तेदार सब्जियों का सेवन करने से मानसिक कार्य करने की क्षमता का कम से कम 40% कम नुकसान होता है।