देश में मानसून आ चुका है और दक्षिण से उत्तर की तरफ बढ़ते हुए मानसून ने उत्तराखंड में भी दस्तक दे दी है। प्रदेश में मानसून आते ही सड़कों का बुरा हाल हो जाता है, खासतौर पर पर्वतीय क्षेत्रों में वाहनों की आवाजाही मुश्किल हो जाती है। चलिए जानते हैं कि बाढ़ जैसी समस्याओं से निपटने के लिए सरकार ने क्या कदम उठाये हैं।
सिंचाई मंत्री ने बाढ़ से निपटने की तैयारियां पूरी होने का किया दावा
राज्य में मानसून के बढ़ते हुए असर को देखते हुए सिंचाई विभाग ने भी अपनी तैयारी पूरा होने का दावा किया है। उत्तराखंड के सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने बरसात के मौसम को देखते हुए सिंचाई विभाग की तैयारियों की जानकारी देते हुए कहा कि सभी जनपदों में बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है इसके अलावा केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष देहरादून में बनाया गया है।
वर्षा और बाढ़ पर निगरानी के लिए कुल 113 चौकियां बनाई गयी
प्रदेश सिंचाई विभाग के विभागाध्यक्ष मुकेश मोहन ने बताया कि पूरे प्रदेश में कुल 113 बाढ़ चौकियां बनाने का कार्य पूरा हो चूका है। नदियों का जलस्तर बढ़ने पर तमाम बाढ़ चौकियों पर तैनात कर्मचारी प्रशासन को तुरंत सूचना देंगे और यदि निचले स्थानों पर पानी बढ़ता है तो समय पर सूचना से त्वरित बचाव व राहत कार्यवाही की जा सकती है।
लोक निर्माण विभाग ने भी बाढ़ से निपटने के लिए कस ली है कमर
पीडब्ल्यूडी मंत्री सतपाल महाराज और लोक निर्माण विभाग अध्यक्ष एयाज अहमद ने बताया कि राज्य में मानसून को लेकर तैयारियां कर ली गईं हैं। विभाग अध्यक्ष ने कहा कि पीडब्ल्यूडी की ओर से 396 जेसीबी मशीन तैयार हैं जो सड़क बंद होने की दशा पर त्वरित कार्रवाई करते हुए सड़क खोलने की कार्यवाही में लग जाएंगी। जेसीबी मशीन में इस बार जीपीएस व्यवस्था से लैस होगी जिससे मशीन की लोकेशन और आवश्यकता वाली जगह पर तुरंत पहुंचा जा सकेगा।