योग विज्ञान विभाग, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा द्वारा गाँधी जयंती एवं शास्त्री जयंती के अवसर पर वर्तमान समय में गांधी जी एवं शास्त्री जी के विचारों की प्रासंगिकता विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 एन0एस0 भण्डारी, कार्यक्रम अध्यक्ष एवं अल्मोड़ा परिसर की अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो0 इला साह, विशिष्ट अतिथि डॉ भानू प्रकाश जोशी, विभागाध्यक्ष, योग विज्ञान विभाग, उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय तथा कार्यक्रम संयोजक एवं योग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ नवीन चन्द्र भट्ट ने संयुक्त से द्वीप प्रज्ज्वलित कर एवं महात्मा गाँधी व लाल बहादुर शास्त्री के चित्र के समक्ष पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके पश्चात योग विज्ञान विभाग की छात्राओं ने बैज अलंकरण, वंदना व स्वागत गीत के साथ अतिथियों का स्वागत किया।
गाँधी जयंती एवं शास्त्री जयंती के अवसर पर इस संगोष्ठी का आयोजन का उद्देश्य भी महापुरुषों के विचारों एवं आदर्शों को समाज तक पहुँचाना है
इसके बाद योग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ0 नवीन चन्द्र भट्ट ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि योग विज्ञान विभाग हमेशा समाज हित के लिए कार्यक्रमों के आयोजन करता रहता है आज भी गाँधी जयंती एवं शास्त्री जयंती के अवसर पर इस संगोष्ठी का आयोजन का उद्देश्य भी महापुरुषों के विचारों एवं आदर्शों को समाज तक पहुँचाना है। जिससे कि एक सुसंस्कृत, शिष्ट एवं राष्ट्रीयता की भावना से ओतप्रोत राष्ट्र को बनाया जा सके। विशिष्ट अतिथि डॉ भानु प्रकाश जोशी ने कहा कि महात्मा गांधी एक महान योगी थे। उनके जीवन दर्शन में स्वच्छता, सेवा एवं अंहिसा का भाव है। उन्होंने स्वच्छता को आंतरिक परिवर्तन की बात कही उन्होंने कहा कि गांधी जी कहते थे कि स्वच्छता किसी पर थोपी नहीं जा सकती यह आंतरिक प्रेरणा है। उन्होंने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में जन्मे एवं संघर्षमय जीवन में पले बढ़े शास्त्री जी एक महान कर्मयोगी थे। इन महापुरुषों के विचारों पर शोध कार्य किया जा सकता है।
शिक्षा वह है जो हमें अच्छे संस्कार, अच्छे विचार एवं जीवन दर्शन एवं अच्छी आजीविका की ओर ले जाती है
इसके पश्चात मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 एन0एस0 भण्डारी ने अपने सम्बोधन में कहा कि महात्मा गांधी जी के अनुसार शिक्षा वह है जो हमें अच्छे संस्कार, अच्छे विचार एवं जीवन दर्शन एवं अच्छी आजीविका की ओर ले जाती है। उन्होंने कहा कि भगवद गीता स्वयं में जीवंत पुस्तक है जिसका विश्व में सर्वाधिक भाषाओं में अनुवाद हुआ है औऱ यही भारतीय दर्शन एवं शिक्षा की विशेषता है, जिसके अध्ययन से साधारण मनुष्य भी महापुरुष बन सकता है।
सम्मानित किया गया
इस अवसर पर नमामि गङ्गे अभियान के तहत स्वच्छता कार्यक्रम एवं योग जनजागरूकता हेतु बबिता सुप्याल, दिगविजय वर्मा, सीमा, कंचन, पवन कुमार, ममता किरौला, दीपिका पुनेठा , स्वेता पुनेठा एवं हर्षिता पुनेठा, दीपा पांडे, हेमा कुमारी, इंदु जोशी, अनीता धामी, रजनी जोशी एवं विधि पुजारी को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
आज मनुष्य में हिंसक प्रवृत्ति बढ़ रही है और धैर्य, अनुशासन की कमी देखी जा रही है
इसके पश्चात प्रो0 इला साह ने अपने अध्यक्षीय उदबोधन में कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में यदि हम गाँधी जी एवं शास्त्री जी के विचारों की प्रासंगिकता की बात करें तो उनके विचार उनके आदर्श कहीं न कहीं हमसे दूर हो रहे हैं इसलिए आज उनके विचारों को याद करना आवश्यक हो गया है। आज मनुष्य में हिंसक प्रवृत्ति बढ़ रही है और धैर्य, अनुशासन की कमी देखी जा रही है, पर्यवारण के प्रति चेतना आज की पीढ़ी में नहीं दिखती उन्होंने कहा कि महापुरुष इन्हीं विचारों को लेकर महापुरुष हुए हैं। उनके विचार हममें नैतिक मूल्यों का संवर्धन कर साक्षर से शिक्षित एवं मनुष्य से मनुष्यता एवं मानवता की ओर ले जाती है। और आज के समय में उनके विचार एवं उनके आदर्शों का अनुसरण करने से ही भारत विश्व गुरु बन सकता है। इस अवसर पर योग विज्ञान विभाग के छात्र अजय पांडे एवं हेमा कुमारी ने भी अपने विचार कविताओं और प्रसंगों के माध्यम से प्रस्तुत किए।
इस अवसर पर उपस्थित रहे
इस अवसर पर समाजशास्त्र विभाग से डॉ0 पुष्पा वर्मा, डॉ0 कुसुमलता, योग विज्ञान विभाग के शिक्षक लल्लन सिंह, गिरीश अधिकारी, रजनीश जोशी, चन्दन लटवाल, चन्दन बिष्ट सहित भावेश पांडे, भावना बिनवाल, बबिता खत्री, ज्योति रावत, संगीत रौतेला, भूमिका पन्त, दीपा पांडे, जसवंत सिंह, कांता धानिक, प्रेम शंकर, विधि पुजारी, रोहिणी पन्त, यशवनी पन्त, शीतल मेहता, प्रियंका नेगी, मानती दानू, नेहा, पूजा पपने,अमितेश सिंह, आरती कनवाल, भूमिका चौहान, सुमन रानी, पूजा मटियानी, करिश्मा, गोपाल जोशी, दीपक बिष्ट, सीमा कुमारी, विकास जोशी, विवेक भट्ट, योगेश चन्द्र सिंह, पारुल दानू, कामेंग टिकेट, मीना चंद आदि छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।