साल 2022 का आखिरी सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को लगने जा रहा है जोकि आंशिक सूर्य ग्रहण होगा । आखिरी सूर्य ग्रहण दिवाली के अगले दिन लगेगा । दिवाली 24 अक्टूबर को मनाई जायेगी । सिर्फ कुछ राज्यों को छोड़कर ये सूर्य ग्रहण पूरे भारत में दिखेगा। ज्योतिष गणना के अनुसार दिवाली के बाद यानी 25 अक्तूबर को लगने वाला सूर्यग्रहण तुला राशि में लगेगा।इस वर्ष दिवाली के अगले दिन सूर्य ग्रहण का योग और ग्रहों का योग 1300 सालों बाद बना रहा है।दिवाली पर सूर्यग्रहण का ऐसा संयोग करीब 27 साल पहले 1995 में बना था। ग्रहण के समय चार ग्रह खुद की राशि में मौजूद रहेंगे। जिसमें बुध,गुरु, शनि और शुक्र सभी चारों ग्रह अपनी-अपनी राशि में मौजूद रहेंगे। शनि मकर राशि में, गुरु अपनी मीन राशि में,बुध कन्या राशि में और शुक्र तुला राशि में रहेंगे। आइए जानते हैं भारत में कब और कहां दिखाई देगा ग्रहण ।
भारत में कितने बजे शुरू होगा सूर्य ग्रहण ?
श्री बद्रीनाथ धाम के धर्माधिकारी आचार्य भुवन चन्द्र उनियाल के अनुसार आज शाम 4 बजकर 26 मिनट पर ग्रहण काल शुरू होगा जो शाम 5 बजकर 32 मिनट सूर्यास्त तक प्रभावी रहेगा।
भारत में कहां दिखाई देगा आंशिक सूर्य ग्रहण
दिल्ली, राजस्थान,पश्चिमी मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब,उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड. जम्मू, श्रीनगर, लेह और लद्दाख में दिखाई देगा । वहीं दक्षिण भारत के हिस्से जैसे तमिलनाडु, कर्नाटक,मुंबई, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड और बंगाल में कुछ समय के लिए ही दिखाई देगा । देश के पूर्वी भागों में असम,अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और नागालैंड में ग्रहण नहीं दिखाई देगा।
सूतक लगने पर नहीं किए जाये हैं पूजा-पाठ,धार्मिक अनुष्ठान और शुभ काम
जब भी कोई ग्रहण लगता है उसके पहले सूतक काल आरंभ हो जाता है। सूर्यग्रहण होने पर 12 घंटे पहले और चंद्र ग्रहण लगने पर 5 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। सूतक काल को अशुभ माना गया है इसलिए सूतक लगने पर पूजा-पाठ,धार्मिक अनुष्ठान और शुभ काम नहीं किए जाते हैं। मंदिर के पट बंद दो जाते हैं। ग्रहण में न तो खाना पकाया जाता है और न ही खाना खाया जाता है। ग्रहण के दौरान मंत्रों का जाप और ग्रहण के बाद गंगाजल से स्नान और दान किया जाता है। ग्रहण की समाप्ति होने पर पूरे घर में गंगाजल से छिड़काव किया जाता है।
ग्रहण खत्म होने पर पूरे घर में करें गंगाजल का छिड़काव
ग्रहण शुरू होने से पहले यानी सूतक काल प्रभावी होने पर पहले से ही खाने-पीने की चीजों में पहले से तोड़े गए तुलसी के पत्ते को डालकर रखना चाहिए।ग्रहण के दौरान अपने इष्ट देवी-देवताओं के नाम का स्मरण करना चाहिए।ग्रहण के दौरान इसके असर को कम करने के लिए मंत्रों का जाप करना चाहिए।ग्रहण खत्म होने पर पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए।
उत्तराखंड में बद्रीनाथ मंदिर सहित सभी अधीनस्थ मंदिर सूर्यग्रहण के मद्देनज़र रहेंगे बंद
उत्तराखंड में बद्रीनाथ मंदिर सहित सभी अधीनस्थ मंदिर सूर्यग्रहण के मद्देनज़र सुबह 4 बजकर 26 मिनट से शाम 5 बजकर 40 मिनट तक बन्द रहेंगे।श्री बद्रीनाथ धाम के धर्माधिकारी आचार्य भुवन चन्द्र उनियाल के अनुसार आज शाम 4 बजकर 26 मिनट पर ग्रहण काल शुरू होगा जो शाम 5 बजकर 32 मिनट सूर्यास्त तक प्रभावी रहेगा। उन्होंने बताया कि शास्त्रों के अनुसार ग्रहण का सूतक बारह घण्टे पूर्व से शुरू हो जाता है। इसलिए मंदिर 4 बजकर 26 मिनट पर बन्द हो जाएंगे और सायं को 5 बजकर 40 मिनट पर ही खुलेंगें।